[caption id="attachment_18543" align="alignleft" width="71"]राजेंद्र हाड़ा[/caption]: भास्कर के लिए पहले गुंडे से लडे़, अब अकेले ही कानून से जूझ रहे हैं : अजमेर। दोस्तो यह कहानी है कृतघ्नता की पराकाष्ठा की। दुनिया का सबसे तेज बढ़ता अखबार दैनिक भास्कर जिन कुछ कारणों से तेजी से बढ़ रहा है, उनमें से एक कारण है ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो’ की नीति का पक्षधर होना। क्या आप यकीन मानेंगे कि भास्कर को अजमेर में जमाने के लिए जिन पत्रकारों और कर्मचारियों ने एक कुख्यात गुंडे की बंदूकों, तलवारों, डंडों का सामना किया और मुकदमे-पुलिस के झमेले में उलझे, उसी कारण उपजे एक मुकदमे में पैरवी से भास्कर ने ‘हमारा क्या लेना-देना’ कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया।