एक शराबी का अपराधबोध

: मेरी भोपाल यात्रा (1) : भोपाल से आज लौटा. एयरपोर्ट से घर आते आते रात के बारह बज गए. सोने की इच्छा नहीं है. वैसे भी जब पीता नहीं तो नींद भी कम आती है. और आज वही हाल है. सोच रहा हूं छोड़ देने की.

मध्य प्रदेश के अख़बार मालिक सरकारी दबाव में

: रवीन्द्र जैन के बाद अवधेश बजाज हुए सरकारी दबाव के शिकार : भोपाल। मध्यप्रदेश के अख़बारों पर शिवराज सरकार का दबाव निरंतर बढ़ता जा रहा है और दबंग पत्रकार इस दबाव का शिकार हो रहे हैं। रवीन्द्र जैन के बाद इस कड़ी में एक नाम और जुड़ गया है. अवधेश बजाज ने भी अख़बार प्रबंधन से खटपट के चलते पीपुल्स समाचार के समूह सम्पादक के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।

भोपाल के अखबार सेंटर पर हंगामा, पुलिस बुलाई गई

दैनिक भास्कर की समाचार पत्र वितरक नीतियों के विरोध में यहां न्यू मार्केट सेंटर पर शुक्रवार को सुबह-सुबह खासा हंगामा हुआ। प्रबंधकों को पुलिस तक बुलानी पड़ी। पुलिस ने आकर वितरकों पर दबाव बनाया पर वितरक अपनी मांगों पर अड़े रहे। इस घटना के काफी बाद यह अखबार उठा। ज्ञात हो कि न्यू मार्केट सेंटर से 80 प्रतिशत वितरक अखबार उठाते हैं और पूरे शहर में बांटते हैं।

किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए दलाल पत्रकारों के सहारे सरकार

किसानमध्‍य प्रदेश के हजारों किसान अपनी मांगों के समर्थन में कड़कड़ाती सर्दी में भोपाल की सड़कों पर जब आंदोलन कर रहे थे, तब भोपाल के कुछ पत्रकार उनके ज़ख्मों पर मरहम लगाने की बजाय सरकारी दलाल बनकर किसानों के आंदोलन को विफल करने के प्रयास में लगे हुए थे। सरकारी खर्च पर जीवन गुज़ारने वाले इन तथाकथित पत्रकारों ने नीचता की सारी हदें पार करते हुए एसएमएस के जरिए शहर में यह अफ़वाह फैलाने का प्रयास किया कि सरकार और किसानों के बीच समझौता हो गया है।

संपादक खिलौना और मालिक कठपुतली

हम यहां पर मध्यप्रदेश से प्रकाशित होने वाले एक ऐसे अखबार की बात कर रहे हैं, जिसके संपादकीय प्रमुख के लिए विभिन्न एडीशन के संपादक खिलौना हैं तो अखबार के मालिक कठपुतली। अखबार के संपादकों को ताश के पत्तों की तरह फेंटा जा रहा है। फिर चाहे इस प्रक्रिया में गुलाम ही क्यों न निकले, वह संपादक हो जाएगा, जैसा कि अखबार के भोपाल एडीशन में हुआ।

तो ये है इनकी तरक्की का राज

भास्‍करइसे कहते हैं अखबार का सही उपयोग, ऐसे ही नहीं इस अखबार ने दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की कर ली। जी आप बिल्कुल ठीक समझें, यहां बात दैनिक भास्कर की हो रही है। इस अखबार पर हमेशा से ही प्रशासन से साठ-गांठ कर अपना हित साधने के आरोप लगते रहे हैं।

पुलिस के हत्‍थे चढ़े चार फर्जी पत्रकार

फर्जी पत्रकारभोपाल। एक ज्योतिषी को डराकर उससे रुपए ऐंठने के मामले में कोहेफिजा पुलिस ने चार फर्जी मीडियाकर्मियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी ज्योतिषी के खिलाफ खबर छापने के नाम पर उसे धमका रहे थे। खास बात यह है कि जब पुलिस इन्हें लेकर थाने पहुंची, तो उनमें से एक आरोपी थाने से भाग निकला। हालांकि काफी देर की मशक्कत के बाद पुलिस ने उसे फिर धर दबोचा। पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

तोड़फोड़ से तय होगा प्राध्‍यापक!

: माखनलाल प्रकरण में महिला आयोग नहीं पुरुष राहत आयोग की तर्ज पर निर्णय : गत सप्ताह राज्य महिला आयोग सुर्खियों में रहा. महिला आयोग के कार्यक्षेत्र पर भी प्रश्न चिन्ह लग गये और कार्यप्रणाली हास्यास्पद हो गई. माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्व विद्यालय की एक व्याख्याता ने पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष के विरुद्ध मानसिक उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई. महिला आयोग ने शिकायत को रूझान लेकर पत्रकारिता विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष एवं अन्य अधिकारियों को सुनवाई हेतु बुलाया.