: सुदर्शन न्यूज चैनल से आई एक चिट्ठी : Dear Sir, I am sending you this mail to publish in your bhadas4media.com. Sir, we are working with Sudarshan news channel from last a long period. But nobodies happy with the management and administration because of the behaviour of administration.Actually this is basically a marathi owned people`s channel. And that people can do anything either in words or by hands. Always they used bad & abusing words to their employees.Therefore 2 or 3 persons have resigned from this channel. And so many others want to leave this channel. But the thing is that they are afraiding because of the next job.
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‘हिंदुस्तान’ में ऐसी गल्ती! ‘नवज्योति’ भी कम नहीं!!
गल्तियां सबसे होती हैं. वेब वालों से भी होती हैं. पर कुछ ऐसी गल्तियां, जो हजम न हों, दुख देती हैं. वो गल्ती अगर हिंदुस्तान जैसा बड़ा ग्रुप करे तो और भी ज्यादा कष्ट होता है. अब इसी खबर को ले लीजिए. इसमें मैटर व हेडिंग, दोनों जगह एक शब्द का गलत इस्तेमाल कर दिया गया है. लेखक का इरादा भले कुछ ऐसा न रहा हो, पर जो सामने है, वह तो अनर्थ जैसा है. उम्मीद है भड़ास4मीडिया पर यह खबर छपने के बाद हिंदुस्तान वाले भाई लोग इसे दुरुस्त कर लेंगे. वैसे, लग रहा है कि हिंदुस्तान वाले शशिजी से डर नहीं रहे हैं वरना ऐसी गल्ती भला कैसे कर सकते थे. अगर आप हिंदुस्तान की वेबसाइट पर जाकर यह खबर देखना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं- हेडिंग व मैटर में ब्लंडर
देवता को गाली से दुखी अधिकारी का पत्र
जरूरी नहीं कि आप हिंदू हों तभी हिंदू देवताओं को गाली दिए जाने का विरोध करें. आप किसी धर्म मजहब, जाति संप्रदाय के हों, किसी को गाली देने का हर हाल में विरोध कर सकते हैं. एक अनीश्वरवादी भी किसी की धार्मिक भावनाओं को बुरी तरह आहत किए जाने के कृत्य का विरोधी हो सकता है. उदाहरण के तौर पर अमिताभ ठाकुर को ही लें. अमिताभ उन कुछ साहसी पुलिस अधिकारियों में से हैं जो समाज विरोधी ताकतों से तो बहादुरी से निपटते ही हैं, सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी हिम्मत के साथ मुखर रहते हैं. यकीन न हो तो ये पत्र पढ़िए.
अब देवता को गाली, मैग्जीन पर पाबंदी
‘अंबेडकर टुडे’ मैग्जीन में ब्रह्मा को ‘बेटीचोद’ लिखा : बसपा के बड़े नेता हैं पत्रिका के संरक्षक : प्रतियों को जब्त करने के आदेश : टाइटिल निरस्त करने की कार्यवाही : सीबीसीआईडी जांच कराई जाएगी : तो लीजिये जनाब। देख लीजिए कि खरबूजे को देखकर खरबूजा किस तरह गिरगिट जैसा रंग बदलता है। संदर्भ है प्रिंट मीडिया। राष्ट्रीय सहारा ने जिस भाषावली का इस्तेमाल शुरू किया है उससे सबक लेकर और भी पत्र-पत्रिकाएं अपने कदम कई मील आगे तक बढा चुकी हैं।
गाली लिखने वाले रिपोर्टर की छुट्टी
अमर उजाला, बरेली के एचआर हेड हरीश राघव का इस्तीफा : कानपुर से सूचना है कि राष्ट्रीय सहारा अखबार में क्राइम की एक खबर में अपशब्दों का इस्तेमाल करने वाले क्राइम रिपोर्टर की छुट्टी कर दी गई है. इनका नाम मनीष है. पता यह भी चला है कि इस गल्ती के लिए कई वरिष्ठों की सेलरी भी काटी गई है. हालांकि इसकी आधिकारिक तौर पर अभी पुष्टि नहीं हो पाई है. सूत्रों का कहना है कि गल्ती प्रकाशित होने और इसके भड़ास4मीडिया में छप जाने के बाद सहारा के शीर्ष प्रबंधन ने दोषियों को शिनाख्त कर कार्रवाई करने के लिए कह दिया था.
पत्रकारों को गरियाते अफसर को देखिए
इटावा के सीएमएस का कारनामा : पत्रकारों को मारने, पीटने एवं धमकाने की घटनाएं होती रहती हैं. ताजा मामला इटावा का है. यहां के डा. भीमराव अंबेडकर राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में तैनात मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. शशि कुमार ने पत्रकारों को आन कैमरा ही गालियां दीं. अपने खिलाफ इटावा के अखबारों में लगातार छप रही खबरों से सी.एम.एस. पत्रकारों से खफा थे.