राडियाकांड ने दिखाया- पत्रकारिता पतन में भी सबसे आगे

हरिवंश: सपने, संघर्ष और चुनौतियां (3) : प्रभात खबर में जब चुनौतियों के दिन शीर्ष पर थे, तो हर बार बैठक में कहता था कि जिन्हें सुरक्षित भविष्य चाहिए, अच्छा पैसा चाहिए, वे वैकल्पिक रास्ता तलाश सकते हैं, क्योंकि यहां भविष्य अनिश्चित है, संघर्ष है, परिस्थितियां विपरीत हैं : हमारी अपनी आचार-संहिता है, शराब पीकर कोई दफ्तर आये, स्वीकार्य नहीं है :

प्रभात खबर बंद कराने को बड़े घरानों ने साजिश रची थी

हरिवंश: सपने, संघर्ष और चुनौतियां (2)आनंद बाजार पत्रिका छोड़ कर कुछेक हजार की नौकरी पर यहां आया, कंपनी द्वारा दी गयी थर्ड हैंड मारुति वैन + किराये का घर, यही तब पाता था, आज प्रभात खबर में वरिष्ठ होने के कारण सबसे अधिक तनख्वाह मैं पा रहा हूं. इससे काफ़ी अधिक के प्रस्ताव भी आये : इस गरीब इलाके में पत्रकारिता करने की प्रेरणा हमें यहां खींच लायी:

तब मैं, केके गोयनका और आरके दत्ता ड्राइविंग सीट पर थे

हरिवंश: सपने, संघर्ष और चुनौतियां (1) : प्रभात खबर को नया इंस्टीट्यूशनल रूप देने के लिए शुरुआत हमने ऊपर से की. पहल कर मैं हटा. केके गोयनका एमडी बने. आरके दत्ता एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर. ये दोनों वे लोग हैं, जिन्होंने जीवन के सर्वश्रेष्ठ वर्ष चुपचाप प्रभात खबर को बनाने में दिये हैं. यह बदलाव यहीं नहीं रुका. पूरे झारखंड को संभालने के लिए दूसरी पंक्ति की एक निर्णायक टीम खड़ी की गयी… :