: मीडिया पर केंद्रित एक नई कहानी- ‘हारमोनियम के हज़ार टुकड़े‘ : भाग एक : बाज़ार, व्यवस्था और बेरोजगारी से संघर्ष कर रहे मीडिया के तमाम साथियों की कहानी : ‘हारमोनियम के हज़ार टुकड़े’ मतलब थके हारे मीडियाजनों के पराजित मन के असंख्य टुकड़े। मीडिया की चकमक दुनिया में कैसे तो उस का मिशनरी भाव नेस्तनाबूद हुआ और कैसे तो बाज़ार और उस की मार में घायल हो कर एक अप्रत्याशित दलदल को वह न्यौछावर हो गया, यह कथा भर ‘हारमोनियम के हज़ार टुकड़े’ में नहीं है।