पंचलाइन कचोटता है जब एचटी बिल्डिंग के सामने से गुजरता हूं

नीरज भूषणयशवंत भाई, मैं भूला नहीं हूँ हिंदुस्तान टाइम्स का पंचलाइन — लिव स्मार्ट. यह पंचलाइन कचोटता है जब कस्तूरबा गाँधी मार्ग स्थित उसकी बिल्डिंग के सामने से गुजरता हूँ. इतनी बड़ी इमारत और उतना ही ऊंचा उसका अहम. कोलाज के माध्यम से दिखलाने की कोशिश किया हूँ कि दिल्ली के बिलकुल बीचों-बीच कैसे एक ही जगह की दो तस्वीरें हो सकती है. हिंदुस्तान टाइम्स अखबार से 2004 में सिर्फ 362 कर्मचारी ही नहीं निकाले गए थे बल्कि उस घटना ने बाकियों के लिए भी गेट खोल दिया था. बाद में संपादक मृणाल पाण्डेय को भी वहाँ से तशरीफ़ लेकर जाना पड़ा था. मैं तो हिंदुस्तान टाइम्स बिल्डिंग के सामने से गुजरता हूँ तो कई भावनाएं उठती हैं, मन विचलित होता है. इसी सम्बन्ध में प्रस्तुत है मेरा नया पोस्ट.