: आगरा का ताजमहल, जूता और कलेक्टर : ताजमहल ने अगर आगरा को पहचान दिलायी तो आगरा के जूतों ने आगरा के कलेक्टर को। और आगरा के कलेक्टर का एक मतलब है स्टाम्प ड्यूटी का ऐसा खेल, जिसके शिकंजे में जूतो का जो उघोगपति फंसा तो या तो उसका धंधा चौपट हुआ या फिर करोड़ों रुपये का हार कलेक्टर को पहनाया गया।
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न आईएएस है, न आईपीएस, न पीसीएस है, न पीपीएस पर है वह सभी का बाप
: शशांक शेखर का भांडा फूटा : कभी जहाज उड़ाता था, अब पूरा प्रदेश हांक रहा है : शशांक शेखर उत्तर प्रदेश का सबसे ताकतवर नौकरशाह है. वह आईएएस और आईपीएस अफसरों से गालियों से बात करता है. वह मायावती का सबसे खास अफसर है. वह कैबिनेट सचिव है. पर वह खुद न तो आईएएस है और न आईपीएस, न पीसीएस और न पीपीएस. फिर भी वह कैबिनेट सचिव है और सारे अफसरों का बाप है.
27 दिन से बिजली-पानी को तरस रहा है एक पत्रकार का परिवार
: घर जाते हुए डर लगता है एक पत्रकार को : घपले-घोटाले की खबर लिखने की मिली सजा : तरह तरह से प्रताड़ित किए जा रहे परिजन : hello, pl. find article, the case of a journalist who has been suffering just because he has raised his voice against corruption. i know azad khalid for last more than 10 years. he has been a fearless journalist.
वे अच्छे आईएएस हैं तभी तो उन्हें कमिश्नर पद से हटाकर खादी विभाग में भेज रहा हूं
[caption id="attachment_18826" align="alignleft" width="236"]डा. कमल टावरी[/caption]: अयोध्या कांड में एक गलत बात न मानने पर कमल टावरी को तत्कालीन सरकार ने दी थी सजा : मुख्यमंत्री की उस हरकत से खफा टावरी ने पोस्टिंग के लिए कभी किसी से बात न करने का फैसला किया : “प्रणाम, प्रणाम. कैसे हैं अमिताभ जी? मैं दस मिनट में आपके घर पहुंच रहा हूं. आपसे और नूतन जी से मिलना है” यदि इस तरह की तेज, बुलंद और बेहद अपनेपन से भरी आवाज दूसरी तरफ से आएगी तो आप यही समझेंगे कि मेरा कोई मित्र मुझसे फोन पर बातें कर रहा होगा.