मुझे लगता है कि एक अच्छा रचनाकार या कलाकार एक साथ तीन काल खंडों में जीता है। उसके फ़न और हुनर में गुज़रे हुए ज़माने की अनुगूँज होती है। मौजूदा दौर की धड़कन होती है और आने वाले वक़्त के क़दमों की आहट होती है। ये क़ाबिलियत जगजीत सिंह के फ़न और शख़्सियत में बख़ूबी नज़र आती थी।
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जगजीत सिंह बरास्ते अमिताभ (दो)
जगजीत सिंह साहब की महानता केवल इतने में नहीं है कि वे अच्छा गाते हैं या अच्छा गाते हुए वे बहुत ज्यादा लोकप्रिय भी हुए। बड़ी बात यह है कि उन्होंने ग़ज़ल गायन को एक संस्थागत रूप प्रदान किया और किसी रिले रेस की तरह वे अन्य गायकों को अपने साथ जोड़ते चले गये। दूसरे स्थापित गायकों की तरह उन पर कभी भी यह आरोप नहीं लगा कि उन्होंने किसी नवोदित ग़ज़ल गायक के रास्ते में कोई बाधा खड़ी की हो।