ब्रिजेन्द्र यादव बनाम पदम सिंह : यूपी पुलिस के दो चेहरे

मैं दो पुलिसवालों को देखती हूं और उनके बीच तुलना करने लगती हूं. एक हैं कांस्टेबल ब्रिजेन्द्र सिंह यादव जो अभी कुछ दिनों पहले सस्पेंड हुए थे और उससे पहले बर्खास्त. शायद जेल भी जा चुके हैं, कई मुकदमे हैं उन पर. मेरी जानकारी के मुताबिक साधारण आर्थिक हैसियत है उनकी. इसके विपरीत मैं देखती हूं पदम सिंह को. कांस्टेबल थे शायद पर आज डिप्टी एसपी हैं. चूंकि साठ साल पूरे हो गए हैं, इसीलिए सरकारी रूप से रिटायर हो गए हैं पर अभी भी नौकरी बढ़ा कर मुख्यमंत्री की सुरक्षा के इंचार्ज बनाए गए हैं.

जूती चमकाने वाले का एक पद होना चाहिए

संजय कुमार सिंह: जैसे उप राष्ट्रपति के जूते संभालने वाला वह शख्स लाल बत्तियों में घूम रहा था, मेरे साथ : नेताओं के जूते झाड़ने वालों पर प्रतिक्रिया – एक ये और एक वो : मायावती की जूती साफ करने वाले पुलिस अधिकारी की खबर पढ़कर मुझे 1988-89 का एक मामला याद आ गया।