के. विक्रमराव का आरोप है कि यूपी प्रेस क्लब और वहां यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसियेशन के कार्यालय पर कुछ लोगों ने कब्जा करने की साजिशें रची थी। विक्रमराव के मुताबिक यह करीब तीस साल पहले की बात है। उनका आरोप है कि इसके लिए कुछ लोग फर्जी तौर पर यूपी डब्ल्यूजेए के पदाधिकारी भी बन गये थे।
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लखनऊ के मठाधीश पत्रकारों! बताओ तुम्हारी औकात क्या है
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