बीसी खंडूरी की ईमानदारी पर विकीलीक्स का तमाचा

घपले-घोटालों को लेकर निशंक की घेराबंदी करने में बीसी खंडूरी ने हर वो दांव चला जो उन्हें सीएम की कुर्सी पर पुनः बैठा सकता था। सो उत्तराखंड में भाजपा में कथित तौर पर ईमानदार चेहरे के रूप में जाने जाने वाले खंडूरी इन दिनों राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के दावे दर दावे कर रहे हैं। लेकिन खंडूरी खुद दूध के धुले नहीं है। जी हां, यह पूरी तरह सच है।

राजीव वर्मा और शशि शेखर को टका-सा मुंह लेकर लौटना पड़ा खंडूरी के यहां से!

आजकल जिन मीडिया घरानों के पास कथित रूप से पत्रकारिता का ठेका है, वे पत्रकारों को पत्रकार नहीं बल्कि दलाल बनाने में लगे हुए हैं. वे अपने संपादकों को संपादक कम, लायजनिंग अधिकारी ज्यादा बनाकर रखते हैं. ताजा मामला हिंदुस्तान टाइम्स जैसे बड़े मीडिया हाउस का है. बिड़ला जी के इस मीडिया घराने की मालकिन शोभना भरतिया हैं. उनके हिंदी अखबार के प्रधान संपादक शशि शेखर हैं.

खण्डूरी थे तो लोस में हारे, खण्डूरी हैं तो विस में हारेंगे!

: उत्तराखण्ड भाजपा में घमासान : बीसी खण्डूरी धनुष-बाण लिये हुए अपने प्रतिद्वंद्वी को ढूंढ रहे हैं : उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री अपनी महान उपलब्धि बताते हुए कह रहे हैं कि शासन व प्रशासन में शुचिता व पारदर्शिता लाने के लिए प्रभावी पहल की गयी है। सुराज, भ्रष्टाचार उन्मूलन व जन सेवा के नाम से अलग विभाग बनाया गया है, लोकायुक्त को और अधिक सशक्त व प्रभावी बनाने के लिए प्राविधान किए जा रहे हैं।

खंडूरी ईमानदार हैं तो जरा सारंगी के तार छेड़ कर दिखाएं!

क्या आपको लगता है कि खंडूरी कुछ अलग, कुछ नया कर पाएंगे? यह सवाल उत्तराखंड के एक पत्रकार ने मुझसे पूछा तो मैंने प्रश्नवाचक मुद्रा में सिर हिला दिया. उन्होंने संक्षेप में समझाया- ”सब सेटिंग गेटिंग का खेल है. खंडूरी और निशंक में आपसी गठबंधन है. अंदरखाने डील हो चुकी है. तू मेरी धोती ना खोल, मैं भी तुझे नहीं छेड़ंगूा. निशंक के समय में जो भ्रष्टाचार हुए उसकी किसी भी जांच में निशंक नहीं फंसने वाले, यह पहले से तय हो चुका है.

निशंक के पाप का घड़ा भरा, हर कोई विदाई गीत गा रहा

निशंकदेहरादून सरगर्म है. निशंक की विदाई के गीत गाए जाने लगे हैं. खंडूरी के खास लोग खंडूरी को फिर से मुख्यमंत्री बनाए जाने के फैसले पर बधाई लेने लगे हैं. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की तैयारी कर चुकी भाजपा को पहले अपने घर को साफ करना पड़ रहा है. इसी कारण पिछले महीने कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदुरप्पा को हटाने का फैसला भाजपा आलाकमान को लेना पड़ा.