[caption id="attachment_20397" align="alignleft" width="170"]सोम ठाकुर[/caption]: मंचों पर ब्रांड नेम चलते हैं, अच्छी रचनाएं नहीं : खुशवंत सिंह, कुलदीप नैयर कुछ भी लिखें, सब छापते हैं पर नवोदित प्रतिभावान लेखकों को वह सम्मान नहीं मिलता : कवि सम्मेलन के लिए अधिकांश ऐसे पूंजीपति पैसा देते हैं जिनका साहित्य से सरोकार नहीं होता :