[caption id="attachment_20744" align="alignleft" width="151"]विजेंदर त्यागी[/caption]: पीसीआई और मेरी यादें – पार्ट एक : बात 1978 की है. वीएम सलूजा “पाना इंडिया” नाम की एक फोटो एजेंसी चलाते थे. मैं न्यूज़ की तस्वीरें लाकर उनको देता था. एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि 11:30 बजे प्रेस क्लब आ कर मिल लो, कोई ज़रूरी काम है. मैं निर्धारित समय पर प्रेस क्लब पहुंच गया, लेकिन क्लब के अंदर जाने की हिम्मत नहीं बटोर सका.