जितने पतित होंगे, उतनी ”सीधी बात”, फिर ”सच्ची बात” और आखिर में ”तीखी बात” करेंगे!

प्रभु चावला रोल माडल हैं. बाजार के. बाजारू मीडिया के. उन पत्रकारों के भी जिन्हें ढेर सारा पैसा और खूब सम्मान-वम्मान व नक्शेबाजी चाहिए. प्रभु चावला परंपरागत मीडिया के आदर्श पुरुष हैं. नीरा राडिया से फोन पर चोंच लड़ाते-बतियाते पकड़े गए, कुछ नहीं हुआ. अमर सिंह से बतियाते-रिरियाते पकड़े गए, कुछ नहीं हुआ. अरे, इसे आप होना कहते हैं कि वे आजतक से हटा दिए गए, इंडिया टीवी से हटा दिए गए.

नोटिस की बात आप आज प्‍लीज मत बोलना, मैं हाथ जोड़ रहा हूं आपके आगे : प्रभु चावला

कल प्रभु चावला आईबीएन7 पर दिखे. उसी आईबीएन7 पर जिसके प्रबंध संपादक आशुतोष हैं. ये वही प्रभु चावला हैं जो नीरा राडिया से ढेर सारी बातें करते पाए गए और इन्हें इंडिया टुडे-आजतक से जाना पड़ा. और ये वही आशुतोष हैं जिन्होंने नीरा राडिया टेप में पाए गए पत्रकारों को दल्ला कहा था और उनकी हरकतों को दल्लागिरी का नाम दिया था (आशुतोष का लिखा पढ़ने के लिए क्लिक करें- दल्ला और दल्लागिरी).

प्रभु चावला बोले- I am not a duplicitous personality

प्रभु चावला का द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में पाठकों से सीधे संवाद का अंदाज दिन प्रतिदिन लोकप्रिय होता जा रहा है. ये वही प्रभु चावला हैं जो सेलीब्रिटिज से सीधी बात किया करते थे आजतक पर. टीवी टुडे समूह से विदाई के बाद प्रभु चावला ने जब द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ज्वाइन किया तो उन्होंने किसी और से सीधी बात करने की जगह अपने पाठकों से खुद को मुखातिब कर सीधी बात शुरू कर दी. पाठक जो भी पूछते हैं, प्रभु चावला उसका जवाब देते हैं. पेश है पाठकों के कुछ सवाल और प्रभु चावला के जवाब…

मुश्किल सवालों से जूझते प्रभु चावला की आइए थोड़ी तारीफ कर दें

कोई आदमी न तो पूरी तरह बुरा होता है और न पूरी तरह अच्छा. सुधरने और समझने की गुंजाइश सबके भीतर होती है. और, अक्सर लोग अनुभवों से सीखते हुए आगे के लिए नए तौर-तरीके अपनाते हैं. लगता है प्रभु चावला ने भी इस बात को समझ लिया.

प्रभु चावला की कहानी, विजेंदर त्यागी की जुबानी

एक दिन ‘सीधी बात’ वाले टेढ़े आदमी ने मुझे टेलीफोन किया. ”त्‍यागी जी मुझे आपसे एक व्‍यक्तिगत काम है”. मैंने पूछा- ”चावला जी, मुझसे ऐसा कौन सा काम आ पड़ा. आप तो पत्रिका के संपादक हैं और पत्रकारिता के स्‍टार यानी सितारे”. उनका जवाब था – ”मजाक छोडि़ये, मेरी आज मदद कीजिए. आपने पत्रकारों के सरकारी मकान जो खाली कराने का अभियान चलाया है उससे सभी संबंधित कागजात ले आएं”.