पहले भी पत्रकारों के सवालों से घिरते रहे हैं राजीव शुक्‍ला

राजीव शुक्‍ला पहली बार किसी पत्रकार के लपेटे में नहीं फंसे हैं. वे अक्सर फंसते रहते हैं. पत्रकार से मंत्री बने राजीव शुक्‍ला इसके पहले भी कई बार अपनी आदतों के चलते उलझ चुके हैं. कानपुर से पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले राजीव शुक्‍ला को बहुत पहले ही यह बात समझ में आ गई था कि नेताओं से सामान्‍य संबंध बनाने से नहीं, निजी संबंध बनाने से ज्यादा फायदा होता है.

राजीव शुक्‍ला : पत्रकार से मंत्री बनने तक का सफर

पत्रकारिता से अपने करियर की शुरुआत करके क्रिकेट और राजनीति में पैठ जमाने वाले राजीव शुक्‍ला अब केंद्रीय मंत्री बनकर अरुण शौरी और एमजे अकबर जैसे पत्रकारों की श्रेणी में आ गए हैं. दो बार किशनगंज से सांसद चुने गए एमजे अकबर 1991 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में सलाहकार बनकर राज्‍यमंत्री स्‍तर का दर्जा पाया था, वहीं अरुण शौरी भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री बने.

मीडिया की कीचड़ उछालने की आदत

राजीव शुक्‍ला : पता नहीं फिल्म अभिनेता शाइनी आहूजा के मामले में अदालत का फैसला क्या आएगा, लेकिन उनकी नौकरानी के अदालत में दिए गए ताजा बयान के बाद पूरे देश के बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, पुलिस अधिकारियों और जजों को सोचना जरूर चाहिए। शाइनी की नौकरानी ने अदालत को बताया कि उसके साथ कोई दुष्कर्म नहीं हुआ था और उसने अपनी उस महिला रिश्तेदार के कहने पर झूठी रिपोर्ट शाइनी आहूजा के खिलाफ करवाई थी।