राजीव दीक्षित के शरीर का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया?

रायपुर/हरिद्वार : कोई जाना माना वैज्ञानिक हो, कई वर्ष विदेश की प्रयोगशालाओं में बिता चुका हो, एपीजे अब्दुल कलाम का सहयोगी रह चुका हो, देश भर में घूम कर भारतीयता का मंत्र जगा रहा हो, योग के स्वामी रामदेव जैसे विद्वान के साथ जिसने नाड़ी विज्ञान सीखा हो, वह राजीव दीक्षित अचानक छत्तीसगढ़ के भिलाई में दिल का दौरा पड़ने से रायपुर के अपोलो अस्पताल में रात को दस बजे दम तोड़ देगा, इस पर किसको भरोसा हो सकता है। इसके अलावा पता नहीं क्या सोच कर इस रहस्यमय मृत्यु के बावजूद राजीव दीक्षित का पोर्स्टमार्टम नहीं करवाया गया। हरिद्वार में राजीव दीक्षित की अंत्येष्टि के ठीक पहले शोक सभा में खुद स्वामी रामदेव ने यही कहा और यह भी कहा कि उन्हें एक पल के लिए विश्वास नहीं हो रहा है कि राजीव चले गए हैं। राजीव दीक्षित स्वामी रामदेव के भारत स्वाभिमान आंदोलन की असली शक्ति थे। पेप्सी और कोक के खिलाफ आंकड़े उन्होंने ही जमा किए थे।