: पूर्वांचल में जागरण, हिंदुस्तान के सामंती जनरल चूस रहे हैं पत्रकारों का खून : रोहित पांडेय को यह दुनिया छोड़े 13 दिन हो गए हैं। इन दिनों में तमाम व्यस्तताओं की वजह से रोहित के बारे में कुछ लिख नहीं पाया। पर जब भी घर में अकेला होता, ऐसा लगता जैसे रोहित सामने आकर खड़े हो गए हों। कभी हाथ ऊपर उठाए किसी बात पर बहस करते दिखते, कभी अटल बिहारी वाजपेयी के बोलने की नकल करते। उनकी बिंदास और बेबाक बातें सामने घूमती रहतीं। इन सब वजहों से मुझे एक तरह से बेचैनी सी होने लगी। ऐसा लगा कि रोहित के बारे में वह सब कुछ लिखना चाहिए जो जानता हूं।
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रोहित को छोटे भाई ने दी मुखाग्नि
गोरखपुर के पत्रकार रोहित पांडेय का अंतिम संस्कार दिल्ली के निगम बोध घाट पर कर दिया गया. उनको मुखाग्नि उनके छोटे भाई मोहित ने दिया. इस दौरान उनके भाई संजय के अलावा अभिनव उपाध्याय, रंजेश शाही, विजय शुक्ला जैसे गिने चुने लोग और रिश्तेदार मौजूद रहे. उल्लेखनीय है कि रोहित का निधन बुधवार-गुरुवार की रात …
यकीन नहीं हो रहा रोहित के ऐसे चले जाने का
[caption id="attachment_19735" align="alignleft" width="85"]रोहित पाण्डेय[/caption]सुबह मोबाइल की घंटी पर हैलो के बाद जो कुछ कानों ने सुना उस पर पलभर के लिए यकीन करना संभव नहीं था। अटल सत्य मौत के चलते स्वीकारना ही पड़ा कि खुशी में खिलखिलाने व दुख में साथ-साथ आंसू बहाने वाला हरदिल अजीज मितवा रोहित पाण्डेय दुनिया में नहीं हैं। सादगी से जिंदगी गुजारने वाले कई वरिष्ठों के ‘गुरुजी‘ की मौत काफी दिनों से पीछा कर रही थी।
रोहित पाण्डेय चले गये
[caption id="attachment_19728" align="alignleft" width="85"]रोहित पांडेय[/caption]बीती रात को दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में पूर्वांचल के प्रखर युवा पत्रकार रोहित पाण्डेय की मृत्यु हो गयी. उनके जीवन में चालीसवां बसंत आने वाला था. रोहित के दोनों गुर्दे पिछले दो वर्षों से ख़राब हो गए थे. बीमारी में जाने से पहले रोहित गोरखपुर में हिंदुस्तान अखबार से जुड़े थे पर बाद में प्रबंधन ने उनकी सेवाएं लेना बंद कर दिया था.