[caption id="attachment_18358" align="alignleft" width="63"]दीपक आजाद[/caption]देहरादून। पैसे लेकर खबरें छापना यानी पेड न्यूज सिंड्रोम को लेकर मीडिया घरानों पर आलोचनाओं का कोई असर होता नहीं दिख रहा है। जाति-धर्म की संकीर्णताओं से लेकर सत्तासीनों की चाटुकारिता से आगे बढ़कर अखबारों में बैठे चारणाभाट अब नंगई पर उतर आए हैं। चाटुकारिता के स्पेशल पेज छापे जा रहे हैं, बिना कहीं एडीवीटी लिखे।