एसपी होते तो पत्रकारों के टेप चलते या धूल खाते?

[caption id="attachment_18649" align="alignleft" width="79"]सुधांशु चौहानसुधांशु चौहान[/caption]मुझे एसपी से मिलने या काम करने का अवसर कभी नहीं मिला, क्योंकि जब मैं धरती पर आया तबतक एसपी जा चुके थे। मैंने बस उन्हें तस्वीरों में देखा है और उनसे मुतल्लिक कई बातें सुनी हैं। जहां तक मुझे लगता है, उनके जाने के बाद न तो उनकी जगह कोई नहीं ले पाया और शायद कोई ले भी नहीं पाएगा।  एसपी के कुछ कट्टर विरोधी लोग भी मीडिया में हैं। उन्हीं में से किसी के मुंह से कुछ बातें सुनने के बाद लिखने को मजबूर हुआ।

वीर-बरखा जाएंगे तिहाड़?

बरखा दत्त और वीर सांघवीबड़ा ही अजीब सवाल है। वीर यानी वीर सांघवी- ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के संपादकीय निदेशक, बेहद ऊंचा पद। बरखा यानी बरखा दत्त- ‘एनडीटीवी 24/7 की समूह संपादक, बेहद रसूखदार पद। सवाल यह उठता है कि इन दोनों का तिहाड़ जेल से क्या मतलब। मतलब है, मतलब ही नहीं बल्कि बहुत बड़ा मक़सद है! दरअसल, 2-जी स्पेक्रट्रम घोटाले के सूत्रधारों में इनकी शुमारी काफ़ी मायने रखती है। कथित रूप से दुनिया की सबसे बड़ी दलाल नीरा राडिया की ये दोनों दाएं-बाएं हाथ सरीखे हैं, जो राजनीति के गलियारे में नीरा राडिया की बेलाग इंट्री करवाते हैं।