अख़बार कर्मियों की तनख़्वाह निर्धारित करने के लिए बने छठे वेज बोर्ड की सिफ़ारिशों को मालिक लॉबी किसी हालत में लागू नहीं होने देना चाहती. अख़बार मालिकों की संस्था इंडियन न्यूज़ पेपर्स सोसायटी (आइएनएस) जस्टिस मजीठिया कमेटी की रिपोर्ट का मखौल उड़ाने में जुटी है. अपने कुतर्कों को सही ठहराने के लिए उसने अख़बारों में लेख छापकर और विज्ञापन देकर सरकार पर दबाव बनाने की मुहिम छेड़ी हुई है.
Tag: vetan aayog
सूप तो सूप बोले, अब संदीप गुप्त भी बोलें
दैनिक जागरण के एक मालिक हैं संदीप गुप्त. कानपुर में बैठते रहे हैं और अब भी बैठते हैं. वे खुद को संपादकीय से लेकर प्रोडक्शन, प्रिंटिंग, बिजनेस… सबका मास्टर मानते हैं. छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा काम कर गुजरने में माहिर मानते हैं अपने आपको. अब चूंकि वे मालिक हैं तो उनके सौ दोष माफ. उनके साथ काम करने वाले उनकी सोच, मेंटलिटी और कार्यप्रणाली के बारे अच्छे से जानते हैं लेकिन कोई कैसे कुछ बोल सकता है.