देहरादून। प्रदेश के मुख्य सचिव ने कहा कि समाचार पत्रों के लिए किसी भी विज्ञापन नीति पर जल्दबाजी पर निर्णय नहीं लिया जायेगा और सभी पत्रकारों की सहमति ली जायेगी। मुख्य सचिव व आलोक कुमार जैन ने यह बात उत्तराखण्ड प्रिन्ट मीडिया विज्ञापन नियमावली 2012 पर विरोध् जताने के लिए उनसे मिलने आये उत्तराखंड संयुक्त पत्रकार संघर्ष समिति के शिष्टमंडल से कही।
उत्तराखंड संयुक्त पत्रकार संघर्ष समिति से जुड़े सैकड़ों पत्रकारों ने आज सचिवालय में मुख्य सचिव श्री जैन से मुलाकात की और सूचना विभाग द्वारा थोपी जा रही प्रस्तावित उत्ताखण्ड प्रिंट मीडिया विज्ञापन नियमावली के विरोध् में ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर समिति के संयोजक अनिल वर्मा ने मुख्य सचिव को बताया कि नई विज्ञापन नीति लागू हो गयी तो लघु एवं मझोले समाचार पत्रों और उनसे जुड़े हजारों लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो जायेगा। ज्ञापन में पत्रकारों ने प्रस्तावित विज्ञापन नीति को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग की।
पत्रकारों की बात सुनने के बाद मुख्य सचिव ने आश्वस्त किया कि किसी भी नई विज्ञापन नीति पर सभी पत्राकारों की सहमति ली जायेगी और जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जायेगा। मुख्य सचिव से मिलने वालों में अनिल वर्मा के साथ ही सुरेन्द्र अग्रवाल, निशीथ सकलानी, संजय श्रीवास्तव, कपिल गर्ग, सोमपाल सिंह, रचना गर्ग, नरेश रोहिला, विवेक वर्मा, राजेश, असन मोगा, कृष्ण गोपाल, मुल्कराज शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, राजेश कुमार भटनागर, कमांडर के एस चौहान, नीलेश कुमार आदि पत्रकार शामिल रहे।