दैनिक जागरण में अधिकारियों को ओबलाइज करने का धंधा पुराना है. मैनेजमेंट और पत्रकार अपने उल्टे सीधे काम करवाने के लिए अधिकारियों की छोटी-छोटी उपलब्धियों को तो तानकर छापते हैं, लेकिन कोई पीडि़त ऐसे लोगों के खिलाफ खबरें देता है तो उस खबरों को कूड़ेदान में फेंक दिया जाता है. जागरण में सबसे ज्यादा पुलिसवालों को ओबलाइज किया जाता है ताकि समय आने पर उनका गलत इस्तेमाल किया जा सके. ऐसा ही मामला शाहजहांपुर में सामने आया है.
दैनिक जागरण ने शाहजहांपुर के रामचंद्र मिशन थाने के एसओ को पुरस्कार मिलने की खबर दो दिन प्रकाशित किया है. पहले दिन एसओ साहब का फोटो नहीं छप पाया तो ब्यूरोचीफ और रिपोर्टर ने दूसरे दिन वही खबर फोटो के साथ प्रकाशित की. पहले 26 सितम्बर को एसओ के पुरस्कृत होने की खबर प्रकाशित की गई, जब एसओ इतने से ही संतुष्ट नहीं हुए तो दूसरे दिन यानी 27 सितम्बर को उसी खबर को एसओ का फोटो लगाकर प्रकाशित किया गया. आप भी देखिए दैनिक जागरण की पत्रकारिता की मिसाल.

