Shailesh Bharatwasi : आज की शाम। कनॉटप्लेस में अख़बारों-पत्रिकाओं की एक फुटपाथीय दुकान। 6-7 लोग जिसमें से दो इस दुकान को चलाते हैं, एक व्यक्ति ऑटो चलाता है, एक कनॉट प्लेस में ही फुटपाथ पर 100 रुपये वाली शर्ट बेचता है। 1-2 शायद अख़बार-पत्रिका खरीदने पहुँचे हैं। सब यही चर्चा कर रहै हैं कि इस बार वोट किसको दें। तमाम बहस के बाद इनका निष्कर्ष यही है कि केजरीवाल बहुत ईमानदार आदमी है। उसे ही देना चाहिए।
इतनी देर में एक कार आकर रुकती है।
कार के भीतर से ही एक आदमी बोलता है कि क्या देश में फिर से राष्ट्रपति शासन लगवाना है? तुम्हारे केजरीवाल ने दिल्ली को बदलने के बजाय देश बदलने क्यों भागा? बहुत लोभी निकला।
बाकी 7 लोगों ने कहा कि केजरीवाल को ये लोग काम नहीं करने दे रहे थे।
कार वाला तैश में आ गया। कार से बाहर आ गया। कहा- उसको काम करने से किसने रोका था? वो काम करना ही नहीं चाहता था।
विपक्ष ने बोला- सबसे बड़ी प्रॉब्लम भ्रष्टाचार है। उसका खतम होना ज़रूरी है, वो केंसर है। और वो केंसर केवल 'आप' ही खतम कर सकती है।
कारवाला बोला- तुम्हारा केजरीवाल केंद्र में सरकार बना लेगा क्या? कितने सीटें आएँगी?
लोग बोले- 50 तो आएँगी ही।
कारवाला बोला- 5 नहीं आएँगी। और मान लो पचास आ भी गई तो क्या केजरीवाल प्रधानमंत्री बन जाएगा?
लोग बोले- मालूम है, नहीं बन पाएगा, लेकिन ईमानदार आदमी विपक्ष में बैठेगा तो पक्षवाला दबाव में अच्छा काम करेगा। आप बताओ, किसको वोट देना चाहिए?
कारवाला बोला- देखो भाई। मैं भी देश की चिंता करता हूँ । मुझे मालूम है कांग्रेस भी चोर है, बीजेपी भी। देश को गर्त में जाने से एक ही आदमी बचा सकता है। वो है मोदी। और कोई नहीं। बोलो भारत माता की…
किसी ने जय नहीं बोला।
लोग बोले- मोदी तो अंबानी का आदमी है। वो आएगा तो महँगाई और बढ़ेगी।
बहस लगभग घंटों चली। कारवाला यह कहते हुए गया कि मैं आम आदमी नहीं हूँ। आप जैसे लोग आम आदमी हैं। अच्छा आदमी चुनोगे तो अपना भला करोगे, मेरा क्या जाएगा, किसी को भी वोट दो।
हिंदयुग्म प्रकाशन के निदेशक और चर्चित ब्लागर शैलेष भारतवासी के फेसबुक वॉल से.