: कई प्रेस फोटोग्राफरों को आई गंभीर चोट : कई डाक्टर भी घायल : कानपुर में एक छोटी सी घटना ने विकराल रूप धर लिया. पहले सत्ता के मद में चूर सपा विधायक के लोगों ने जूनियर डाक्टरों से मारपीट किया. इसके बाद विधायक की सहयोगी बनकर पुलिस ने सारी हदें पार करते हुए जूनियर व सीनियर डाक्टरों के अलावा मीडियाकर्मियों पर भी जमकर हमला बोला. एक दर्जन से ज्यादा प्रेस फोटोग्राफरों को गंभीर चोटें आई हैं. एसएसपी के आदेश के बाद कानपुर की पुलिस सरकारी गुंडा बन गई और जो भी मिला उसको लाठियों से जमकर पीटा.
बताया जा रहा है कि मेडिकल कालेज से जुड़े हैलेट अस्पताल के पास कुछ जूनियर डाक्टर दवा खरीदने गए थे. इसी बीच किसी बात को लेकर डाक्टरों की एक उम्रदराज व्यक्ति से विवाद हो गया. बात बढ़ने पर जूनियर डाक्टरों ने उक्त व्यक्ति को थप्पड़ मार दिया. वहीं पास में सपा विधायक इरफान सोलंकी अपने गनर के साथ खड़े थे. मामला सुलटाने की बजाय विधायक ने अपने गनर को आदेश दिया कि जूनियर डाक्टरों को उनकी औकात बताओ. गनर एक जूनियर डाक्टर को थप्पड़ रसीद कर दिया. इसके बाद जूनियर डाक्टर भी गुस्से में गनर को पीट दिया. गनर ने हवाई फायर कर दिया. इसके बाद जूनियर डाक्टर हास्टल में भाग गए.
बताया जा रहा है कि इसके बाद इरफान सोलंकी के समर्थक तथा कुछ पुलिसकर्मी हैलट अस्पताल पहुंचे तथा हवाई फायरिंग करने के साथ दूसरे जूनियर डाक्टरों को पीटना शुरू कर दिया. इसकी सूचना जब हास्टल के जूनियर डाक्टरों को मिली तो उन्होंने भी विधायक समर्थकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. दोनों तरफ से ईंट-पत्थर चले तथा जमकर हवाई फायरिंग हुई. इसके बाद एसएसपी यशस्वी यादव बड़ी भारी फोर्स के साथ हैलेट अस्पताल पहुंचे तथा जूनियर डाक्टरों पर लाठी चार्ज करा दिया. पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की.
फायरिंग से घबराए जूनियर डाक्टर जब हास्टल में भागे तो भारी पुलिस बल वहां भी घुस गई. एसएसपी के खुले आदेश से मदमस्त पुलिस जूनियर व सीनियर सभी डाक्टरों को गिरा गिराकर मारने लगी. यहां तक कि हास्टल में पड़े सामानों को भी पुलिस ने तहस नहस कर दिया. जो भी मिला पुलिस ने बिना किसी कारण के उसे पीटना शुरू कर दिया. इस घटना की जानकारी जब मीडियाकर्मियों को मिली तो तमाम अखबारों के फोटोग्राफर मौके पर पहुंचे तथा फोटो पुलिस की गुंडागर्दी की फोटो खिंचने लगे.
बताया जा रहा है कि फोटोग्राफरों को फोटो खिंचते देख एसएसपी बौखला गया. उसने पुलिस वालों को इन पर भी हमला करने का इशारा कर दिया. अपने आका का इशार मिलते ही पुलिसवाले कुत्तों की तरह फोटोग्राफरों पर टूट पड़े. लाठी चार्ज में आई नेक्स्ट के अभिनव, दैनिक जागरण के आशु अरोड़ा, अमर उजाला के धीरेंद्र जायसवाल, ओपी वाधवानी, संजीव शर्मा, हिंदुस्तान के गजेंद्र सिंह, वैभव शुक्ला समेत कई अखबारों के एक दर्जन से ज्यादा फोटो जर्नलिस्ट गंभीर रूप से घायल हो गए. किसी के हाथ पैर में चोट आई तो किसी का सिर फट गया. कई मीडियाकर्मियों को फ्रैक्चर भी हुआ है.
सत्ता के मद में चूर विधायक के समर्थन में सरकारी गुंडा बनी पुलिस की इस कार्रवाई से कानपुर की मीडिया में जबर्दस्त रोष है. पत्रकारों ने पुलिस की इस एकतरफा कार्रवाई की निंदा करते हुए एसएसपी तथा दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है. बताया जा रहा है कि कानपुर के मीडियाकर्मी तथा डाक्टर संघर्ष का रास्ता अपनाने की तैयारी कर रहे हैं. अब देखना है कि प्रशासन पूरे मामले का निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को सजा दिलाता है या फिर एकतरफा कार्रवाई करते हुए डाक्टरों तथा मीडियाकर्मियों को ही प्रताडि़त करता है.