इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद से सम्बन्धित डाक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट में कथित फर्जीवाड़ा मामले में अगली सुनवाई 16 जनवरी को करेगी। कोर्ट ने जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा कथित धांधली के मामले में आजतक न्यूज चैनल को दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए ढाई माह का समय दिया है।
सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने जनहित याचिका में न्यायालय से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद जांच के निर्देश राज्य सरकार को देने का आग्रह किया है। न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह और न्यायमूर्ति सतीश चन्द्र की खंडपीठ ने यह आदेश आज सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की याचिका पर दिया। इसके पूर्व, गत 18 अक्तूबर को अदालत ने इस मामले में आजतक समाचार चैनल के सम्पादक को नोटिस जारी कर उनसे ट्रस्ट के कथित फर्जीवाड़े सम्बन्धी स्टिंग आपरेशन में लगाये गये आरोपों से जुड़ा पूरा ब्यौरा तथा दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया था।
याचिका पर आज सुनवाई के दौरान आजतक चैनल की तरफ से न्यायालय को बताया गया कि खुर्शीद की पत्नी लुईस ने भी दिल्ली में मामले से सम्बन्धित दावा दायर किया है, जिसमें आरोपों से सम्बन्धित मूल दस्तावेज पेश किए गए हैं। लिहाजा यहां उच्च न्यायालय में दस्तावेज और ब्यौरा पेश करने के लिए समय देने का अनुरोध किया। अदालत ने चैनल के इस आग्रह के मद्देनजर उसे समय देते हुए सुनवाई 16 जनवरी के लिए स्थगित कर दी।
याचिका में गृह विभाग के प्रमुख सचिव के मार्फत राज्य सरकार, आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय, उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, डाक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट तथा समाचार चैनल आज तक को पक्षकार बनाया गया है। जनहित याचिका में कहा गया है कि पूर्व केन्द्रीय कानून तथा अब विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद व उनकी पत्नी लुईस खुर्शीद द्वारा संचालित जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट विकलांगों के लिए दिये जाने वाले उपकरण की कथित धांधली की जांच करायी जाए। यह भी कहा गया कि हिन्दी न्यूज चैनल द्वारा दिखाए गए समाचार और ऑपरेशन धृतराष्ट्र के आधार पर जनहित याचिका दायर की गई है।