चंदौली जिले की पत्रकारिता में लग रहा है कि भांग घुला हुआ है. ऐसा लग रहा है कि पत्रकार इसी के नशे में काम कर रहे हैं. आए दिन सूचनात्मक तौर पर गलत खबरों के प्रकाशन से आम लोग परेशान हैं. पहला मामला है हिंदुस्तान का. दो-तीन दिन पूर्व एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उक्त युवक एक अस्पताल में काम करता था तथा रेलवे क्वार्टर में रहता था. हिंदुस्तान ने खबर में तथ्यों का पता किए बिना मृतक को रेलकर्मी बता दिया.
जबकि उसके परिवार का कोई सदस्य रेलवे में कार्यरत नहीं है. इस खबर के बाद से रेलवे में काम करने वाले लोग काफी परेशान हुए. उक्त युवक के बारे में पता करने के लिए एक दूसरे से पूछते रहे कि किसी विभाग का था, किस पद पर था आदि. बाद में सच्चाई पता चलने पर लोग अखबार को कोसते नजर आए.
इसी तरह राष्ट्रीय सहारा में भी सूचनात्मक रूप से गलत खबर का प्रकाशन हो गया. खैर, चंदौली से खबर सही भेजी गई थी, पर बनारस जाकर चेंज हो गया. चंदौली के सांसद हैं राम किशुन यादव, सपा से जीते हुए हैं. खबर में भाषण उन्होंने दिया. आश्वासन उन्होंने दिया पर बनारस वालों ने आश्वासन में पूर्व बसपा सांसद कैलाश सिंह यादव का नाम डाल दिया. अब सपा के लोग परेशान कि आश्वासन अपने सांसद जी ने दिया और नाम पुराने सांसद का चला गया. इस तरह की गलतियां आए दिन चंदौली के अखबारों में देखने को मिल रही है और पाठकगण परेशान हैं.

