: कुछ पत्रकारों की भूमिका भी संदिग्ध : चंदौली जिले में एक पत्रकार के साथ लूट का प्रयास किया गया. पत्रकारों के दबाव में पुलिस लुटेरों को पकड़ने के लिए सक्रिय भी हुई लेकिन अब पुलिस ने अपने हाथ समेट लिए हैं. बताया जा रहा है कि पुलिस सपाइयों के दबाव में लुटेरों पर हाथ डालने से डर रही है. कुछ सपाई पत्रकार पर भी मामला वापस लेने का दबाव बना रहे हैं. उनका साथ कुछ पत्रकार भी दे रहे हैं. दबाव पड़ने से पायनियर का पत्रकार भी दहशत में आ गया है.
गौरतलब है कि तीन दिन पहले चंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र के एनएच 2 पर स्थित चौपाल सागर के समीप दो बाइक पर सवार चार हथियारबंद लुटेरों ने वाराणसी से चंदौली की तरफ वापस घर लौट रहे पायनियर संवाददाता अश्वनी सिंह उर्फ़ पिन्टू की बाइक रोक कर उनको लूटने का प्रयास करने लगे. उन्होंने तमंचा निकालकर पत्रकार पर हमला करने की भी कोशिश की, लेकिन अश्वनी हिम्मत दिखाते हुए किसी तरह बचकर भागने में कामयाब रहे. उन्होंने चंदौली कोतवाली में पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बनाने के लिए पत्रकारों ने एसपी कार्यालय के सामने धरना भी दिया था.
खबर है कि पुलिस ने लगभग वर्क आउट कर लिया था कि सपा के कुछ नेताओं ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का दबाव बना दिया. सपा से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके एक नेता के सहयोगी भी पत्रकार के ऊपर मामला वापस लेने का दबाव बनाने उसके कार्यालय पहुंच गए. कुछ बड़े अखबार के पत्रकार भी अश्वनी के ऊपर मामला वापस लेकर समझौता करने की चेतावनी देने पहुंच गए. अश्वनी ने बताया कि ये लोग एक निरीह पीडि़त के पक्ष में खड़ा होने की बजाय लुटेरों के पक्ष खड़ा दिखाई पड़ रहे हैं. मुझे धमकाने की कोशिश भी की जा रही है. सपा नेताओं के मामले में पड़ जाने से वे तथा उनका परिवार दहशत में आ गया है.