Mohammad Anas : पहले वो स्नान करती महिलाओं की तस्वीर उतार कर 'संगम में हो रही मस्ती' जैसी हेडलाइन चिपकातें हैं और जब उन्हें उनकी भूल और गलती जो उन्होंने पूरे होशोहवास में की होती है, उससे वाकिफ़ कराया जाता है तो वो गलती नहीं मानते, और जब प्रशासन उनके किये की उन्हें कड़ी सज़ा देने की बात करता है तब वो महिलाओं की तस्वीर तो हटा लेते हैं पर वो लाइन नहीं हटाते, जिसमें धर्म और अध्यात्म के संगम की गलत छवि बनायी जा रही होती है, और उसकी जगह साधु-महात्मा की तस्वीरें डाल दी जाती हैं… क्या यह मीडिया में कार्यरत दबंग, लम्मट और रसूखदार संपादको की हठधर्मिता की पराकाष्ठा नहीं है? क्या यह सरोकारी पत्रकारिता के साथ अन्याय नहीं है? क्या यह धर्म की सहिषुणता के साथ खेलना नहीं हुआ?
और जब हम या आप जैसे लोग इस पर सवाल उठाते हैं तो तथाकथित मीडियाकर्मी पूरी की पूरी पत्रकार बिरादरी को अपने फ़ायदे के लिये बदनाम करने के खातिर व्यक्तिगत स्तर पर उतर आते हैं… क्या यही सिखाया जाता है देश के एक बड़े वेब पोर्टल के कर्मचारियों को कि अपने हित साधने के चक्कर में सही और गलत का भेद तक भूल जाये… अपने 'चटका मार' बिकाऊ कंटेंट को साफ़ सुथरा बनाये रखने के लिये उन लोगों पर आरोप और प्रत्यारोप लगाये जो इन्हें इनकी गलती का एहसास करवाते हैं.. महान दैनिक भास्कर.काम और महान उसके एक संपादक इसको पढ़ लें कि लिखना सिर्फ़ उन्हें ही नहीं आता, हमने भी वहीं धूप सेंकी हैं जहां की कुर्सी और मेजों पर उनके किस्से दर्ज़ हैं…
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दैनिक भास्कर के किये की सज़ा मिली लोकतंत्रा के चौथे पाये को, कल होने वाले स्नान पर्व पर घाट के सौ मीटर के दायरे में फ़ोटोग्राफ़ी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगाया प्रतिबंध… कौन कहता है मीडिया इस देश मे सर्वोपरि है… हम आम जन अपने पर आ जायें तो कुछ भी असंभव नहीं… मेला अधिकारी और आईएएस मणी प्रसाद उस दिन के किस्से का ज़िक्र करने लगे चाय पीते वक्त… और कहने लगे कि- कहो तो भास्कर के सारे रिपोर्टरस को बेरंग वापिस करवा दें… हमने मुस्कुराते हुए कहा कि जाने दीजिये भैय्या, बेचारों की गलती नहीं है, उन्हें भी अपना पेट पालना है, गरीब गुरबा हैं, रोजी रोटी ऐसे ही चलती हैं इनकी, ये अपनी अर्थी को भी ग्लैमर का तड़का लगा कर बेच डालने वाले लोग हैं, वो तो संगम पर स्नान करती हुई महिलायें थी… वो भी दूसरों के घरों की! ये भास्कर के मठाधीशों और बाकी के मीडिय़ा तुर्कों के लिये जिन्हें लगता है देश की जनता और देश का कानून उनकी जेब में है…
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महाकुम्भ मेलाधिकारी एवं आइएएस मणि प्रासाद मिश्र से मुलाकात हुई, उन्होंने भास्कार.काम के विरुद्ध कड़ी कार्यवाई करने की बात कही… और साथ में ही भास्कर.काम के इस गैर ज़िम्मेवाराना रुख की निन्दा की.. उनका कहना है कि ये काम यदि कोई विदेशी मिडिया करती तो बात अलग थी…
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मैं मानता हूँ भास्कर.काम एक पोर्न साईट है.. हमें पोर्नोग्राफ़ी का विरोध करना चाहिये क्योंकि खबर की आड़ में पोर्न बेचा जा रहा है इसलिये, नाकि इसलिये कि वो पोर्न दिखा रहे हैं… हमें खबर के इस बिगड़े स्वरूप से दिक्कत है…. और बिगाड़्ने वाले लोगों से दिक्कत है… पोर्न के लिये अलग से वेबसाइट्स हैं, दुनिया का बड़ा व्यवसाय है ये… कई देशों में पोर्न लीगल है, कानूनी है.. हमारे खुद के देश मे सबसे ज्यादा चट्का मिलता है पोर्न को … भास्कर.काम की उस पालिसी का विरोध जारी रहेगा जिसमें खबर की आड़ में पोर्न बेचा जा रहा है…
युवा पत्रकार मोहम्मद अनस के फेसबुक वॉल से.
पूरे प्रकरण को समझने के लिए यहां जरूर क्लिक करें- शर्मनाक, भास्कर वालों ने महाकुंभ में नहा रही महिलाओं की फोटो छाप दी