जर्नलिज्म के क्षेत्र में 2011 में किए गए उत्कृष्ट रिपोर्टिंग के लिए साप्ताहिक पत्रिका तहलका और द वीक को संयुक्त रूप से इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट (आईपीआई) इंडिया पुरस्कार से नवाजा गया है। आईपीआई के इंडियन चैप्टर की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक तहलका को कर्नाटक में श्रीराम सेना के 'रेंट ए राइट' तरीके को उजागर करने के कारण इस पुरस्कार से नवाजा गया है।
तहलका ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि इस संगठन ने धन लेकर जनता और संस्थानों पर हमले कराए थे। वहीं द वीक का चयन उन फर्जी मेडिकल और दंत चिकित्सा कॉलेजों के बारे में विस्तृत खोजी रिपोर्टिग के लिए किया गया है, जिनके पास न डॉक्टर हैं, न मरीज और न ही पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं है। इसके बावजूद वे सैकड़ों छात्रों को मेडिकल और डेंटल की डिग्रियां दे रहे हैं। आईपीआई पुरस्कार के बारे में फैसला भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एएस आनंद की अध्यक्षता में जाने-माने संपादकों और प्रकाशकों के एक निर्णायक मंडल ने किया।