दुबई : बाजार', 'गर्म हवा', 'शतरंज के खिलाड़ी', 'चश्मे बददूर' और 'किसी से ना कहना' जैसी फिल्मों में यादगार अभिनय के लिए जाने जाने वाले अभिनेता फारूक शेख का दिल का दौरा पड़ने से यहां निधन हो गया। वह 65 वर्ष के थे। उनके परिवार के एक सदस्य ने कहा कि उनका निधन हो गया। हालांकि उन्होंने और ज्यादा जानकारी नहीं दी। फारूक एक समारोह में हिस्सा लेने के लिए दुबई गए थे जब शुक्रवार देर रात उन्हें दिल का दौरा पड़ा।
दुबई में औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनका शव आज मुंबई लाया जाएगा। फारूक ने रंगमंच, फिल्मों और टीवी में बेहतरीन योगदान दिया। उन्होंने 'गर्म हवा' के साथ बॉलीवुड में पदार्पण किया था और 'बाजार', 'शतरंज के खिलाड़ी', 'चश्मे बददूर', 'किसी से ना कहना' तथा 'नूरी' जैसी फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभायीं। उनकी आखिरी फिल्म 'क्लब 60' थी। इससे पहले इस साल आई फिल्म 'ये जवानी है दीवानी' में वह अभिनेता रणबीर कपूर के पिता के किरदार में दिखे थे।
फारूक ने जीटीवी के मशहूर कार्यक्रम 'जीना इसी का नाम है' की मेजबानी भी की जिसमें उन्होंने बॉलीवुड की कई जानी मानी हस्तियों का साक्षात्कार लिया।उन्होंने कई सीरियल और टेलिवजन शो में भी काम किया। उन्होंने टीवी शो तुम्हारी अम्रिता (1992) में काम किया। वे ज़ी टीवी के फेमस शो 'जीना इसी का नाम है' के एंकर थे। उन्हें 2010 में बेस्ट सपोटिंग अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया।
फारूक शेख का जन्म 25 मार्च 1948 में मंबई के एक वकील मुस्तफ़ा शेख और फ़रिदा शेख के घर गुजरात के अमरोली में हुआ था। वे अभिनेता ही नहीं समाज सेवी और टेलीवजन एंकर भी रहे हैं। वे 70 और 80 के दशक में फिल्लों में फेमस रहे हैं। वो सत्यजित राय और ऋषिकेश मुखर्जी की तरह निदेशन का कार्य भी कर चुके हैं। उनके परिवार वाले जमीनदार थे और उनका पालन पालन शानदार परिवेश में हुआ। वो अपने पांच भाई बहनों में सबसे बड़े थे। उनकी स्कूली शिक्षा सेंट मैरी स्कूल मुंबई में और बाद में सेंट जेवियर्स कॉलेज में हुई। उन्होंने कनून की पढ़ाई सिद्धार्थ कॉलेज ऑफ लॉ में पूर्ण की।