बनारस से खबर है कि सिटी केबल के पुराने रिपोर्टर नरेश रुपानी की देव दीपावली कवरेज के दौरान गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई. पुलिस ने सुबह नरेश की लाश गंगा नदी से बाहर निकाला. नरेश शुरू से ही सिटी केबल से जुड़े हुए थे. उनकी मौत से बनारस की पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है. हालांकि पुलिस इसे दुर्घटना ही मान रही हैं, लेकिन परिजन मौत की परिस्थितियों को संदिग्ध मान रहे हैं.
खबर के अनुसार पचपन वर्षीय नरेश रूपानी रविवार को शहर के पहले इलेक्ट्रानिक चैनल सिटी केबल के लिए कवरेज करने दशाश्वमेघ घाट गए हुए थे. वे किसी नाव पर बैठकर गंगा के बीच से घाटों पर जलाए गए दीपों की कवरेज कर रहे थे. इस बीच अचानक वे दस बजे के बाद लापता हो गए. किसी को भी उनके गंगा नदी में डूब जाने की जानकारी नहीं हुई. जब नरेश के परिजन उनके दोनों नंबर पर काल करने लगे लेकिन कोई भी नंबर नहीं लगा. परिजन रात भर उन्हें ढूंढने की कोशिश करते रहे लेकिन सफलता नहीं मिली.
सुबह परिजनों ने लक्सा थाने में नरेश के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. इसके बाद काफी समय तक जब उनका पता नहीं चला तो परिजनों के दबाव में पुलिस एक्टिव हुई और नरेश की तलाश शुरू हुई. संभावना को देखते हुए पुलिस ने गंगा में जाल डलावाना शुरू किया. काफी प्रयास के पश्चात नरेश का शव शीतला घाट के पास से बरामद हुआ. पुलिस नरेश की मौत को दुर्घटना मान रही है, लेकिन सवाल यह उठ रहे हैं कि कवरेज के दौरान अगर नरेश गंगा नदी में गिरे तो किसी को जानकारी क्यों नहीं हुई. वे अपने पीछे पत्नी मीरा रुपानी, पुत्र अनिल रुपानी, विजय रुपानी, सुनील रुपानी तथा शादी शुदा पुत्री लक्ष्मी रुपानी को छोड़ गए हैं.