दैनिक जागरण के प्रिंट लाइन में बदलाव के बाद भी नहीं चेता उत्‍तराखंड सूचना विभाग

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दैनिक जागरण, हल्‍द्वानी से जागरण का अवैध प्रकाशन लंबे समय से कर रहा था. वो देहरादून के रजिस्‍ट्रेशन नम्‍बर पर ही हल्‍द्वानी से अखबार का प्रकाशन कर रहा था. इस तरह वो हल्‍द्वानी को अलग संस्‍करण घोषित करते हुए इसके लिए अलग रेट पर विज्ञापन भी प्राप्‍त कर रहा था. यानी पूरी तरह गलत तरीके से सरकारी खजाने को चूना लगा रहा था. इस बात की जानकारी होते हुए भी राज्‍य का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग इस मामले में अंधा और बहरा बना हुआ था.

इस मामले को जब उत्‍तराखंड के पत्रकार एवं एक्टिविस्‍ट अयोध्‍या प्रसाद भारती ने कई मंचों से उठाना शुरू किया तो दैनिक जागरण प्रबंधन घबरा गया तथा उसने अपने प्रिंट लाइन में पुराने रजिस्‍ट्रेशन नम्‍बर को हटाकर आवेदित किए जाने की सूचना प्रकाशित करने लगा. पर इतना होने के बाद भी उत्‍तराखंड का सूचना विभाग अयोध्‍या प्रसाद द्वारा मांगी गई सूचना का सही उत्‍तर देने की बजाय गोल मोल तरीके से जवाब देकर मामले को निपटा दिया.

हालांकि जागरण ने अपने प्रिंट लाइन में चेंज करके खुद मान लिया कि वो हल्‍द्वानी में गलत तरीके से अखबार का प्रकाशन कर रहा था, इसके बाद भी उत्‍तराखंड सूचना विभाग ने उसको दिए जाने वाले विज्ञापन पर किसी प्रकार का रोक नहीं लगाया है, बल्कि अभी भी सरकारी विज्ञापन गलत तरीके से दैनिक जागरण को दिए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि इसमें सूचना विभाग के वरिष्‍ठों की भी पूरी मिली भगत है. ऐसे ही मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट ने हिंदुस्‍तान के खिलाफ जांच का आदेश दिया है.


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