दैनिक जागरण से रुखसत कर दिए गए निशिकांत ठाकुर

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: दिनेश चंद्र हुए रिटायर : दैनिक जागरण, नोएडा से सीजीएम निशिकांत ठाकुर की विदाई हो गई है. प्रबंधन ने उन्‍हें रुखसत करने के साथ ही मीटिंग करके स्‍पष्‍ट कर दिया है कि अब निशिकांत ठाकुर से कोई संबंध नहीं रखा जाए. सूत्रों का कहना है कि अब तक निशिकांत के रहमोकरम पर दैनिक जागरण में जिंदगी गुजारने वालों को भी ताकीद कर दिया गया है कि अगर कोई कर्मी अगर संबंध निभाने की चेष्‍टा करते पाया गया तो उसकी भी विदाई उसी समय हो जाएगी.

बताया जा रहा है कि गुणा-गणित के सहारे पिछले दो साल से एक्‍सटेंशन पर चल रहे निशिंकात ठाकुर की विदाई प्रबंधन ने पहले ही तय कर दी थी. लेकिन उन्‍होंने अपनी पुत्री के विवाह का हवाला देते हुए प्रबंधन से कुछ दिन रूकने का दरख्‍वास्‍त किया था. उनके वर्षों के जुड़ाव को देखते हुए प्रबंधन ने उनकी बात मान ली थी. पुत्री का विवाह होने के कुछ दिन बाद ही निशिकांत को दिया गया अभयदान खतम करते हुए प्रबंधन ने उन्‍हें बाहर कर दिया.

निशिकांत ठाकुर की विदाई के बाद अब उनके गुर्गों के रूप में दैनिक जागरण में काम करने वाले भी परेशान हैं. उन्‍होंने सीजीएम रहने के दौरान नोएडा, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के यूनिटों में अपने नाते-रिश्‍तेदारों और परिचितों को भर रखा था. अगर दूसरे शब्‍दों में कहा जाए तो निशिकांत ठाकुर के लोगों की दैनिक जागरण में तूती बोलती थी. जिसने भी उनके लोगों के खिलाफ आवाज उठाया उसे जागरण से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया. दिल्‍ली में भी उनके सालों का लंबे समय तक राज रहा.

परंतु प्रबंधन ने विष्‍णु त्रिपाठी के पॉवर को बढ़ाते हुए निशिकांत एंड कंपनी को निपटाने का जिम्‍मा सौंपा. प्रबंधन ने जिस तरीके से लंबे समय तक जागरण के पर्याय रहने वाले चंद्रकांत त्रिपाठी, संत शरण अवस्‍थी, शैलेंद्र मणि त्रिपाठी जैसे लोगों को निपटाया, कुछ उसी अंदाज में निशिकांत को भी निपटाने की राह तैयार की गई. पहले निशिकांत के लोगों को चुन चुन कर उनके पर कतरे गए. स्थिति ये हो गई कि यह सब होते हुए देखने के बाद भी निशिकांत फड़फड़ाने के अलावा कुछ नहीं कर पाए.

माना जा रहा है कि निशिकांत की विदाई के बाद अब उनके लोगों को भी संस्‍थान से बाहर करने की तैयारी शुरू हो चुकी है. उनके नाते रिश्‍तेदार अब बुरी तरह परेशान हैं. प्रबंधन की नाराजगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्‍होंने इतने लंबे समय तक दैनिक जागरण को सेवा देने वाले निशिकांत को फेयरवेल देना भी उचित नहीं समझा. वहीं दूसरी तरफ सेंट्रल डेस्‍क पर कार्यरत दिनेश चंद्र के रिटायर होने के बाद प्रबंधन ने उन्‍हें धूम धाम से विदाई दी. इस दौरान कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया.

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