नईदुनिया एवं पत्रिका को न्‍यायालय की अवमानना की चेतावनी

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इंदौर। इंदौर से प्रकाशित जागरण ग्रुप के नईदुनिया व उभरते प्रमुख दैनिक समाचार पत्र पत्रिका को मप्र उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने मौखिक तौर पर न्यायालय की अवमानना की चेतावनी देने की चर्चाओं इन दिनों प्रेस जगत में है।

बताया जाता है कि 27 सितंबर को झाबुआ व आसपास के इलाके में खनिज घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित 28 लोगों के खिलाफ सीबीआई जांच को उच्च न्यायालय की हरी झंडी दिए जाने संबंधी खबर प्रकाशित होने के बाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नाराज हो उठे। मप्र कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता केके मिश्रा द्वारा सीबीआई जांच शुरू होने का शपथपत्र देकर उनकी याचिका उच्च न्यायालय में वीड्रा कर ली गई थी, लेकिन चर्चा है कि कुछ अखबारों व न्यूज चैनलों ने इसे गलत तरीके से प्रकाशित/प्रसारित किया और हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश तक की खबरें फैला दी।

नईदुनिया ने तो 27 सितंबर के अंक में प्रथम पृष्ठ पर ही इस तरह की खबर छाप कर 28 लोगों के नाम तक बकायदा प्रकाशित किए थे। इसके बाद उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति शांतनु केमकर व मूलचंद गर्ग ने बोर्ड से ही इस तरह की खबरों पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और मिश्रा के वकील मनोहर दलाल से ही जवाब तलब किया तो उन्होंने गलत छापने की बात कहते अवमानना का केस चलाने की बात कह दी। इसके बाद न्यायमूर्तिगण ने अतिरिक्त महाधिवक्ता मनोज द्विवेदी को भी कुछ निर्देश दिए। इस कड़ी में 28 सितंबर को द्विवेदी ने एक प्रेस कांफ्रेंस को लेकर संबंधित अखबारों को चेताया था, वर्ना अवमानना की कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी और 30 सितंबर तक की सही खबर छापने की ताकीद दी थी, लेकिन यह अवधि बीत चुकी है कोई खबर या खंडन अखबारों ने नहीं छापा है, जबकि इन अखबारों के पत्रकारों की जान सांसत में है। कुल मिलाकर टसल की स्थिति बनी हुई है देखना है कि ऊंट किस करवट बदलता है।

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