नेपाल के पूर्व युवराज गम्भीर, देश की जनता को नहीं है संवेदना

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हार्ट अटैक के कारण पॉच दिन पूर्व बैंकाक के एक अस्पताल में भर्ती हुए नेपाल के पूर्व युवराज पारस शाह का अवस्था में अभी भी सुधार नहीं हुआ है। उनके शरीर का तापक्रम सामान्य से ज्यादा गर्म है। तथा ओपेन हर्ट सर्जरी करने की तैयारी चल रही है। पारस के उपचार कर रही डाक्टरों के पैनल ने आज यानि रविवार सुबज 10 बजे जानकारी दिये हैं,  कि अभी उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।

मंगलवार के रात में पारस को बैंकाक स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डाक्टरों ने हाईपोर्थमियां विधि से शरीर को सामान्य विधि में लाने का प्रयास किया है। डाक्टरों के अनुसार उनके दिल का धड़कन एवं रक्त चांप अभी सामान्य स्थिति में नही है और उनके मस्तिष्क भी कोई प्रतिक्रिया नही दे रही है। पूर्व युवराज के मित्र एवं व्यापारी सुनिल खड़का उनके साथ अस्पताल में जमें  हुये हैं। उन्होने बताया कि आक्सीजन से उनके स्वांस प्रभाव को बनाया गया है। इसी वीच उनकी पत्नी हिमानी शाह शुक्रवार को अस्पताल पहुच गई हैं।

नेपाल के पूर्व युवराज इस समय जीवन और मृत्यु के वीच चल रहे हैं। इसी वीच उनके जीवन संबन्धी अनेक चर्चाओं से नेपाल की राजधानी काठमाण्डो में गर्मी छायी हुई है। तत्कालीन शक्तिशाली दरबार में उनके आतंक और उनका गुण्डागर्दी के कारण नेपाल जनता में उनके प्रति संवेदना समाप्त हो गया है। इस समय वह कोमा में हैं उनके जीवन के लिये जहां जनता को प्रार्थना करनी चाहिए दया दिखानी चाहिए वहीं नेपाली जनता इस समय खुशी के माहौल में दिख रही है। नेपाली जनता ने जुलुस निकालकर यह भी नारा दिया है कि भगवान के वहां देर है लेकिन अंधेर नही।

जनता का दुःखी न होना या संवेदना हीन होना छोटी बात नही है। लेकिन पारस की चरित्रहिनता ने जनता को हिलाकर रख दिया था। यह वही पारस हैं जो नेपाल की एक मॉडल को जबरन उठाकर ले गये और बलात्कार कर छोड़ दिया तथा बैंकाक में यही पारस चरस का सेवन करते हुये पकडे़ गये थे। यह सारी अव्यस्था पारस के संस्कार में  था। नेपाल में उतनी बडी़ घटना दरबार हत्या कांड  में भी पारस का हॉथ बताया जाता है।

भगवान विष्णु के अवतार कहे गये नेपाल के राजा वीरेन्द्र विक्रम शाह के हत्या से जनता तिलमिलाई हुई है। क्यों कि जनता के वीच में उनकी  एक पैठ थी। वह वेष बदल के काठमाण्डों की गलियों में जनता का हाल लेने घूमा करते थे। यह यही पारस हैं कि उसी गलियों में नेपालियों को गोली मारी तथा उनकी बहन-बच्चियों के साथ अभद्र व्यवहार भी किए। शायद आज नेपाल के पूर्व राजा होते तो नेपाल की राजशाही भी नही जाती। आज यही कारण है कि नेपालियो के वीच अपने प्यार खो देने से पारस को अपना देश भी नसीब नहीं हो रहा है। वह बैंकाक में शरण लिये हुए हैं। वही चरित्र हिनता के कारण उनकी पत्नी हिमानी भी उनसे दूर नेपाल में ही रहती है। बैंकाक में एक थाई महिला मित्र उनके साथ रहती है।

महराजगंज से ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी की रिपोर्ट.

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