फिरोजाबाद में प्रशासन इन दिनों पत्रकारों से काफी चिढ़ा हुआ है. मामला ढूंढ-ढूंढकर पत्रकारों को फंसाने की कोशिश की जा रही है. ताजा मामला यह है कि बुधवार को बीएड की सैकड़ों छात्राओं ने अपनी मांगों को लेकर नेशनल हाइवे संख्या दो को जाम कर दिया था. पुलिस के समझाने के बाद भी छात्राएं बिना मांग पूरी हुए हटने को तैयार नहीं थीं. प्रशासन के कई अधिकारी पत्रकारों से इस घटना की कवरेज ना करने को कहा. इसके बावजूद पत्रकार अपना काम करते रहे.
खबरें कई जगहों पर चलने के बाद प्रशासन की काफी छीछालेदर हुई. किसी तरह छात्राओं को हटाया-बढ़ाया गया. इसके बाद पुलिस ने ढाई सौ छात्राओं और पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस का कहना है कि पत्रकारों के उकसाने पर ही छात्राओं ने जाम लगाया. पत्रकारों को अपरोक्ष रूप से धमकी भी दी जा रही है कि जांच होने के बाद जिन पत्रकारों की संलिप्तता पाई जाएगी उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. इधर पत्रकारों में इस बात को लेकर चर्चा है कि कहीं पांच अज्ञातों के खिलाफ दर्ज मुकदमा पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए ही तो नहीं लिखा गया है.
गौरतलब है कि पुलिस एवं प्रशासन इन दिनों पत्रकारों को हड़काने और फंसाने में जुटा हुआ है. दिवाली से पहले पुलिस पटाखों को लेकर छापेमारी कर रही थी. ऐसे ही एक स्थान पर उसने छापामारी की, जिसके बाद कुछ स्थानीय लोग पुलिस से उलझ गए. पुलिस ने अन्य दूसरे लोगों के साथ अमर उजाला के पत्रकार विजेंद्र के खिलाफ भी सिरसागंज थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया, जबकि उनका इस मामले से कुछ भी लेना देना नहीं था. फिर भी पुलिस ने आरोप लगाया कि विजेंद्र भी इसमें शामिल थे. उनके खिलाफ भी गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है.