Rahul Dev : शायद मुझे भी स्पष्ट कर देना चाहिए कि सुधीर-समीर गिरफ्तारी पर मैंने भी न्यूज 24 पर कल रात फोनो दिया था। यह कहा कि सारे तथ्यों को तो हम अभी नहीं जानते लेकिन सीएसएफएल की जांच रिपोर्ट आने के बाद गिरफ्तारी हुई है तो कम से कम यह मान सकते हैं कि सीडी की सत्यता असंदिग्ध मानकर, पुख्ता आधार के बाद ही पुलिस ने इतने बड़े मीडिया समूह के संपादकों की गिरफ्तारी का कदम उठाया होगा। यह भी कहा कि यह हम सबके लिए बेहद तकलीफदेह, दूर्भाग्यपूर्ण और शर्मसार करने वाला क्षण है। समकालीन भारतीय मीडिया के इतिहास में इससे ज्यादा गंभीर आरोप शायद कम ही लगे हैं।
Rahul Dev : लेकिन नवीन जिंदल और कोलगेट में नामित सभी कंपनियों पर लगे आरोपों की जांच, मुकदमों आदि जरूरी कानूनी कारर्वाई में भी सरकार और उसकी एजेंसियां इतनी ही मुस्तैदी और पारदर्शिता दिखाएंगे यह उम्मीद भी करनी चाहिए। यह भी मांग करता हूं कि प्रेस परिषद, इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी, इंडियन ब्राडकास्टिंग फेडरेशन, न्यूज ब्राडकास्टिंग एसोसिएशन, एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया को एक उच्चस्तरीय संयुक्त समिति बना कर इस पूरे मामले की जांच करके तथ्य देश के सामने रखने चाहिए। भारतीय मीडिया की साख और भारतीय लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए यह भी जरूरी है कि इस मामले में मुंबई हाईकोर्ट और दिल्ली की स्थानीय अदालत में चल रहे मुकदमों की सुनवाई विशेष और दैनिक तौर पर की जाए।
वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव के फेसबुक वॉल से साभार.