भाजपा की आगरा रैली में भी हुई पत्रकारों की ऐसी की तैसी

Spread the love

नरेंद्र मोदी की आगरा रैली में भी मीडिया प्रभारियों की आपसी अदावत पत्रकारों पर भारी पड़ी. एक पत्रकार तो इतना नाराज हुआ कि मीडिया प्रभारियों के मिसमैनेजमेंट के लिए भाजपा के कई पदाधिकारियों को एसएमएस भेज दिया. कई पत्रकारों ने तय किया है कि अब भाजपा की रैलियों को कवर करने के लिए नहीं जाएंगे. साथ ही पत्रकारों की नाराजगी का आलम यह है कि अखबारों में भाजपा के खिलाफ उसकी असलियत वाली खबरें प्रकाशित होने लगी हैं.

सूत्रों ने बताया कि नरेंद्र मोदी की आगरा रैली में अपने अपने गुटों के गिने चुने पत्रकारों को ले जाया गया. प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष शुक्‍ला ने विद्याशंकर राय, धीरज त्रिपाठी समेत अपने कुछ खास लोगों को ट्रेन के जरिए आगरा बुलाया, जबकि मीडिया सह प्रभारी अनीता अग्रवाल अपने गुट के पत्रकारों को बाई रोड लेकर आगरा पहुंचीं. यहां पहुंचने पर भी पत्रकारों की ऐसी तैसी करने में दोनों ने बाकी नहीं रखा.

अ‍नीता अग्रवाल के साथ एक घटिया से होटल में पहुंचे पत्रकारों को पता चला कि उनके नाम पर आवंटित कमरे निरस्‍त हो चुके हैं. उन्‍होंने जब निरस्‍त कराने वालों के बारे में पूछा तो रिशेप्‍शनिस्‍ट ने बताया कि मनीष शुक्‍ला ने ये कमरे कैंसिल करा दिए हैं. अब कोई कमरा खाली नहीं है. बुरी स्थिति तब हुई जब कई पत्रकारों को एक ही कमरे में ठूंस दिया गया. किसी तरह सभी पत्रकार अपने आवश्‍यक काम से निवृत्‍त हुए. एक पत्रकार ने बताया कि होटल इतना घटिया था कि बाथरूम में पानी ही पानी इकट्ठा हो गया था.

खैर, यहां से किसी तरह पत्रकार रैली स्‍थल पर पहुंचे तो दो मीडिया प्रभारी उनके मीडिया सेंटर में छोड़कर गायब हो गए. अ‍नीता अग्रवाल पत्रकारों को भूखा प्‍यासा छोड़कर मंच पर विराजमान होने पहुंच गईं. पत्रकारों को किसी प्रकार की जरूरत होगी इसका ख्‍याल भी उन्‍होंने नहीं रखा और मंच की लगातार शोभा बढ़ाने में ही व्‍यस्‍त हो गईं. दूसरे प्रदेश प्रभारी मनीष शुक्‍ला, जो प्रदेश अध्‍यक्ष के पीए पुष्‍पेंद्र त्‍यागी की चम्‍मचागिरी करने यह पद पाए हुए हैं, अपने एजेंडे में जुट गए. पत्रकारों को इन्‍होंने भी अनाथ छोड़ दिया.

बताया जा रहा है कि 2007 के विधानसभा चुनाव में अपनी जमानत जब्‍त करवा चुके मनीष शुक्‍ला जौनपुर से लोकसभा टिकट पाने के लिए बड़े नेताओं की परिक्रमा वाया पुप्‍पेंद्र त्‍यागी कर रहे हैं. जब से बसपा सांसद धनंजय सिंह नौकरानी हत्‍या मामले में फंसे हैं, इनके चेहरे की चमक बढ़ गई है. अब यह अपना असली काम छोड़कर बड़े नेताओं के इर्द गिर्द परिक्रमा करने में जुट गए हैं. जीत पाना तो शायद असंभव है लेकिन यह संभव है कि भाजपा में ऐसे लोगों को टिकट मिल जाए. नेताओं की परिक्रमा में ऐसे व्‍यस्‍त हो गए कि अपने खास साथी पत्रकार विद्याशंकर राय को मझधार में छोड़ दिया.

सूत्रों ने बताया कि विद्याशंकर राय और उनके साथ के एक और पत्रकार की वापसी ट्रेन से होनी थी, लेकिन मनीष शुक्‍ला ने इनको स्‍टेशन से छोड़ने की कोई व्‍यवस्‍था नहीं की. वो बड़े भाजपाइयों की चम्‍मचागिरी में इस कदर डूब गए कि विद्याशंकर को किसी तरह खुद मैनेज करके स्‍टेशन पहुंचना पड़ा. बड़ी मुश्किल से उन्‍होंने ट्रेन पकड़ा. विद्या का हाल वैसा ही हो गया जैसा इन लोगों ने झांसी में दिल्‍ली से आए पत्रकारों का कर दिया था. दिल्‍ली के पत्रकारों को भी खबर भेजने के बाद होटल और स्‍टेशन पहुंचने के लिए मुश्किल झेलनी पड़ी. वो खुद वाहन मैनेज कर होटल तथा स्‍टेशन पहुंचे.

हालांकि झांसी के बाद भी यूपी मीडिया सेल ने कोई सीख नहीं ली, आपसी अदावत और एक दूसरे को नीचा दिखाने के फेर में बहराइच और अब आगरा में भी पत्रकारों को मोहरा बना डाला. मनीष शुक्‍ला के प्रबंधन से नाराज विद्या शंकर राय ने पार्टी के कई पदाधिकारियों को एसएमएस कर मीडिया मिस मैनेजमेंट के लिए नाराजगी जताई तथा कहा कि अब आगे से उन्‍हें बीजेपी की किसी रैली में जाने के लिए संपर्क न किया जाए. ऐसी स्थिति कई अन्‍य पत्रकारों की भी है. इन स्थितियों से नाराज पत्रकार भाजपा विरोधी खबरें लिख कर अपना गुस्‍सा जाहिर कर रहे हैं. आरोप है कि दोनों मीडिया प्रभारी झूठे आंकड़े पेश कर पार्टी से पैसे भी बना रहे हैं.

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *