लखनऊ। बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं दक्षिण भारत के कुछ राज्यों की तर्ज पर पत्रकारों के लिए ‘‘उत्तर प्रदेश राज्य पत्रकार बीमा योजना‘‘ लागू करने पर प्रदेश सरकार गंभीर पहल के लिए तैयार है। उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तत्काल विधिक परीक्षण कराने का आष्वासन दिया है। प्रस्ताव के मुताबिक इस योजना में ग्रुप मेडिक्लेम एवं व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा दोनों को शामिल किया जायेगा।
संवाददाता समिति ने अपने प्रस्ताव में ग्रुप मेडिक्लेम के बीमाधारक पत्रकारों के लिए फ्लोटिंग आधार पर 6 लाख रुपये तथा व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा के लिए भी 6 लाख रुपये का प्रावधान किये जाने की मांग की है। इसके तहत प्रिंट एव इलेक्ट्रानिक मीडिया के 21 से 70 वर्ष तक के पत्रकारों को शामिल किये जाने का प्रस्ताव है। शुक्रवार को कैबिनेट बैठक के उपरान्त पत्रकारों से वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी की मांग पर यह आश्वासन दिया। श्री तिवारी ने संजय गांधी पीजीआई में राज्य मुख्यालय के मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा शुरू कराने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग एवं एसजीपीजीआई प्रशासन के बीच इस विषय में कल ही करारनामे पर दस्तखत हुए हैं और अब यह सुविधा प्रारम्भ हो गयी है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पत्रकारों की निशुल्क चिकित्सा सुविधा में विलम्ब होने पर खेद व्यक्त किया और बताया कि एमओयू हस्ताक्षर होने के उपरान्त पत्रकारों को अब पीजीआई में निःशुल्क चिकित्सा सुविधा तत्काल प्रभाव से प्राप्त होगी। इस मौके पर समिति के उपाध्यक्ष नरेन्द्र श्रीवास्तव, सचिव सिद्धार्थ कलहंस, संयुक्त सचिव राजेश शुक्ला, कोषाध्यक्ष नीरज श्रीवास्तव, कार्यकारिणी सदस्य नायला किदवई तथा अविनाश मिश्र, मो: कामरान, मोहसिन हैदर, संजय राजन एवं बड़ी संख्या में मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।