सहारा पर लगातार आ रही मुश्किलों के चलते लगता है कि कर्मचारियों का मन भी बिचलित हो गया है. उनका काम करने में शायद मन भी नहीं लग रहा है. इसी का परिणाम है कि राष्ट्रीय सहारा के लखनऊ संस्करण में 13 जनवरी का संपादकीय पेज 14 जनवरी को भी रिपीट हो गया है. लखनऊ में संपादकीय अखबार में 13 जनवरी को प्रकाशित हुआ है, वही पेज मंगलवार 14 जनवरी को भी रिपीट हो गया है. इसमें तारीख भी 13 जनवरी की पड़ी है, जबकि अन्य पेज पर 14 जनवरी प्रकाशित है. यानी 13 जनवरी का पेज हूबहू 14 जनवरी को बिना बदलाव के लखनऊ संस्करण में छप गया है. अन्य संस्करण तथा इंटरनेट संस्करण में ऐसी गलती नहीं है.