गुडग़ांव : लंगर व भंडारा में आप ने लोगों की भारी भीड़ लगी तो देखी होगी, लेकिन गिफ्ट के लिए शायद ही कहीं भीड़ देखी होगी? पर यह नजारा पत्रकारों ने दिखाया। मामला कहीं और का नहीं बल्कि गुडग़ांव का है। बीते बुधवार को रैपिड मेट्रो को मीडिया के सामने ट्रायल के लिए ट्रैक पर दौड़ाया गया। इस के लिए गुडग़ांव व दिल्ली के मीडियावालों को बुलाया गया।
यह दूसरा मौका था जब रैपिड मेट्रो के लिए मीडिया कर्मियों को बुलाया गया था, क्यों कि इसके एक महीने पहले भी पत्रकारों को बुलाया गया था और उस समय सभी मीडिया कर्मियों को टैब गिफ्ट के रूप में दिया गया था। उस समय बहुत कम पत्रकार पहुंचे थे, उसके बावजूद नहीं पहुंचने वाले पत्रकारों ने भी हांथ-पांव मारकर टैबलेट का गिफ्ट ले ही लिया था।
जब दोबारा जब रैपिड मेट्रो के परिचालन को लेकर मीडिया को बुलाया तो वहां गिफ्ट की लालच में बिन बुलाए मीडिया के सैकड़ों से ज्यादा मेहमान पहुंच गए। मीडिया कर्मियों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि रैपिड मेट्रो के चारो कोच भर गए। कई बड़े समूहों के तो आधा दर्जन से ज्यादा पत्रकार पहुंच गए।
हैरानगी तो तब हुई जब छुट्टी पर चल रहे एक बड़े अखबार के प्रमुख भी टैब के चक्कर में रैपिड मेट्रो में अचानक पहुंच गए। इस आयोजन में ऐसा कोई भी न्यूज पेपर या चैनल नहीं था, जिसके पत्रकार और फोटोग्राफर नहीं आए हों। जाहिर था कि सारे पत्रकार, कैमरामैन और फोटोग्राफर गिफ्ट के लालच में पहुंचे थे, लेकिन इन लोगों को निराशा तब हाथ लगी जब टैब की उम्मीद में पहुंचे लोगों को नाश्ता कराकर और प्रेस नोट देकर विदा कर दिया गया। (कानाफूसी)