: संपादक से शिकायत : पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जता है। समय के साथ-साथ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दीमक लगने लगी है। अब पत्रकारिता में आने वाले ज्यादातर पत्रकारों का मकसद पैसा कमाना हो गया है। इसी क्रम में अखबार प्रबंधन ऐसे लोगों को भी पैसे लेकर पत्रकार बना दे रहा है, जो गैरकानूनी कामों में संलिप्त रहे हैं। ताजा मामला श्री टाइम्स, शाहजहांपुर से जुड़ा हुआ है। यहां एक हिस्ट्रीशीटर को अखबार का संवाददाता बना दिया गया है।
पुवायां थाना क्षेत्र के निवासी अभिषेक गुप्ता को श्री टाइम्स ने अपना प्रतिनिधि बना लिया है। अभिषेक पर जाली नोटों के कारोबार, गैस की कालाबाजारी करने के साथ कई आरोप हैं। वर्ष 2006 में पुवायां पुलिस ने अभिषेक गुप्ता के पास से भारी मात्रा में जाली नोट बरामद किये थे। पुलिस ने अभिषेक गुप्ता के खिलाफ अपराध संख्या 411/2006 में धारा 489 में मुकदमा पंजीकृत किया था। 412/56 गैंगेस्टर एक्ट में जेल भेज दिया था। अभिषेक गुप्ता जेल से निकलते ही फिर से गैर कानूनी काम करने लगे। पुलिस ने अभिषेक गुप्ता को संगठित अपराधी मानते हुए पुवायां थाने में उनकी हिस्ट्रीशीट खोल दी, जिस का नम्बर 3बी (ठ) में दर्ज है।
पुलिस ने जब अभिषेक गुप्ता को परेशान करना शुरू किया तो वह इस से बचने के लिए प्रतिष्ठित अखबार श्रीटाइम्स से जुड़ गया। अखबार से जुड़ने से अभिषेक को तो पुलिस से राहत मिल गई पर अखबार की जिले में छवि धूमिल हो रही है। अभिषेक गुप्ता ने आपके प्रतिष्ठान को धोखे में रखकर शाहजहांपुर में अखबार की एजेंसी होल्डर और संवाददाता बन गए हैं और शाहजहांपुर में अखबार का नाम बदनाम कर रहे हैं। इसकी शिकायत कुछ लोगों ने अखबार के संपादक से भी की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
शाहजहांपुर से एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.