शिव सेना के संरक्षक बाल ठाकरे के निधन से मुंबई वासियों को रविवार को अपने घरों में ही रहने को मजबूर होना पड़ा और उन्हें टेलीविजन पर कोई भी कार्यक्रम देखने को नहीं मिला। कई लोगों ने छुट्टी के दिन घर से बाहर जाने का कार्यक्रम बना रखा था, लेकिन उन्हें घर पर ही रहने को मजबूर होना पड़ा और इस दौरान उन्हें हिंदी के सामान्य मनोरंजन चैनल भी देखने को नहीं मिले।
शिव सैनिकों द्वारा कहे जाने के बाद डिजिकेबल, हैथवे केबल ऐंड डाटाकॉम, इनकेबल और 7 स्टार समेत कई मल्टी सिस्टम ऑपरेटर (एमएसओ) ने सभी प्रकार के मनोरंजन चैनलों को ब्लॉक करने का निर्णय लिया। एक अग्रणी एमएसओ के वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, 'शिव सेना के सदस्य अपने दिवंगत नेता के प्रति श्रद्धा जताने के लिए सभी मनोरंजन चैनलों को ब्लॉक करने के लिए कह रहे थे। जिसके बाद सभी एमएसओ ने शाम के 6 बजे तक सिग्नल को काटे जाने का निर्णय लिया।'
कुछ एमएसओ ने समाचार के चैनलों को छोड़कर बाकी चैनलों के प्रसारण को बंद करने का निर्णय लिया जबकि कुछ ने केवल हिंदी भाषा के चैनलों के प्रसारण पर रोक लगाई। वहीं कुछ प्रसारकों ने अंग्रेजी सिनेमा और मनोरंजन के चैनलों के प्रसारण को जारी रखा। हालांकि जिन भी चैनलों का प्रसारण किया गया वे सभी डायरेक्ट टू होम प्लेटफॉर्म पर ही प्रसारित हुए। इससे पहले सितंबर 2001 में कांग्रेसी नेता माधव राव सिंधिया की मृत्यु होने पर सिंधिया के गृह नगर ग्वालियर में मनोरंजन के सभी चैनलों का तीन दिनों का प्रसारण नहीं किया गया था।
शिव सेना के एक कार्यकर्ता ने बताया कि मुंबई में केवल ठाकरे के लिए ही ऐसा हुआ है। कार्यकर्ता ने बताया, 'लोग उनका आदर करते थे। उन्होंने हमेशा ही मराठी मानुस का सर ऊंचा रखा। पूरा शहर उनके प्रति आदर दिखा रहा है। इसमें क्या नुकसान है अगर एक दिन के लिए मनोरंजन चैनलों का प्रसारण नहीं हुआ।' मुंबई के स्थानीय केबल संचालकों के संगठन मुंबई केबल ऑपरेटर्स एसोसिएशन (एमसीओए) की कमान शिव सेना के विधायक अनिल पारब के पास है। (बीएस)