नई दिल्ली : सहारा समूह की दो कंपनियों के निवेशकों के सत्यापन में कईं कंपनियों ने अपनी रुचि जाहिर की है। इनमें कार्वी, कैम्स, एनएसडीएल व सीडीएसएल शामिल हैं। पूंजी बाजार नियामक सेबी फिलहाल सहारा की इन कंपनियों के तकरीबन तीन करोड़ निवेशकों के व्यक्तिगत सत्यापन (आईवीपी) के लिए एजेंसी के चयन की प्रक्रिया में है।
इसके लिए एजेंसियों से निविदाएं आमंत्रित करने की तिथि को एक माह आगे बढ़ाकर 21 दिसंबर कर दिया गया है। इस बीच सेबी ने इच्छुक एजेंसियों के साथ निविदा प्रक्रिया से पहले गत 7 नवंबर को एक बैठक आयोजित की है। इस बैठक में उक्त चारों एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया है। इसके साथ ही, सीडीएसएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी सीडीएसएल वैंचर्स लिमिटेड (सीवीएल) के प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल थे। यह सभी केवाईसी रजिस्ट्रेशन एजेंसियां (केआरए) हैं। केआरए एजेंसियां ही म्यूचुअल फंडों व ब्रोकरेज फर्मों समेत बाजार की सभी तरह की फर्मों के लिए ग्राहकों की पहचान सुनिश्चित करने वाली प्रक्रिया नो-योर-क्लाइंट (केवाईसी) को अंजाम देती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की दो कंपनियों के तकरीबन तीन करोड़ निवेशकों की 24,000 करोड़ रुपये की जमाराशि 15 फीसदी ब्याज समेत वापस लौटाने की प्रक्रिया पूरी करने की जिम्मेदारी सेबी को दी हुई है। इससे पहले, सेबी को इन सभी निवेशकों की पहचान व उनके पते आदि के सत्यापन का काम करना है। सेबी इस काम को किसी आईपीवी एजेंसी के जरिए अंजाम देगा। इसी के लिए सेबी ने केआरए व सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से निविदाएं आमंत्रित कर रखी हैं। हालांकि, 7 नवंबर को हुई बैठक में किसी सार्वजनिक बैंक के प्रतिनिधि ने भाग नहीं लिया। सेबी द्वारा आईवीपी एजेंसी की नियुक्ति के लिए 2 नवंबर को टेंडर जारी किया गया था। (प्रेट्र)