नई दिल्ली : सहारा ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को कहा है कि सहारा के पास सहारा प्रमुख सुब्रत राय की जमानत के लिए 10 हजार करोड़ रुपये नहीं है। सहारा समूह की तरफ से सर्वोच्च अदालत को बताया गया है कि वह इतनी बड़ी जमानत राशि दे पाने में असमर्थ है। सहारा ने कोर्ट को एक नया प्रस्ताव दिया है। समूह की तरफ से कहा गया कि वह 5000 करोड़ रुपए दे सकता है, जिसमें 2500 करोड़ रुपये तुरंत तथा शेष 2500 करोड़ की राशि अगले 21 दिन के भीतर जमा करा देगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय सहारा की जमानत के लिए 10 हजार करोड़ रुपये जमा करने की शर्त रखी थी। इससे पहले कोर्ट ने 27 मार्च को सुनवाई के दौरान उन्हें कोई राहत नहीं देते हुए 3 अप्रैल तक जेल में रहने का फरमान सुनाया था। गौरतलब है कि सहारा ग्रुप ने उनकी जमानत के लिए उस सुनवाई के दौरान भी 10,000 करोड़ रुपये की रकम देने में असमर्थता जताई थी। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत देने से इनकार कर दिया था।
इस मामले में सहारा प्रमुख व कंपनी के दो अन्य निदेशकों को अदालत ने चार मार्च को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सहारा की ओर से पेश प्रस्ताव में कहा गया कि 2,500 करोड़ की पहली किस्त तीन दिन के भीतर दे दी जाएगी। लेकिन इसके लिए खाते के संचालन पर लगी रोक हटानी होगी। 3,500-3,500 करोड़ रुपये की दूसरी, तीसरी और चौथी किस्त का भुगतान 30 जून, 31 सितंबर और 31 दिसंबर को किया जाएगा। पांचवी और आखिरी किस्त के रूप में सेबी को 7,000 करोड़ रुपये का भुगतान 31 मार्च, 2015 को किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया था तथा सुब्रत रॉय की जमानत के लिए समूह को दस हजार करोड़ रुपए जमा कराने को कहा था। सहारा समूह के कर्मचारी भी अपने तरफ से पैसे जुटाने की कोशिश में लगे थे, लेकिन कोई उत्साहजनक रिजल्ट नहीं आ पाया। फिलहाल सुब्रत राय की जमानत के मसले पर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई जारी है।