सहारा समूह ने प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के आदेश को आज उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। सैट ने करीब तीन करोड़ निवेशकों के ब्याज सहित करीब 24,000 करोड़ रुपये लौटाने के मामले में सहारा समूह की दो कंपनियों द्वारा बाजार नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के खिलाफ दायर अपील कल खारिज कर दी थी। मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसकी सुनवाई सोमवार के लिए तय कर दी। सहारा के वकील ने पीठ से कहा कि कंपनी शीर्ष न्यायालय की रजिस्ट्री में 5,100 करोड़ रुपये का ड्राफ्ट जमा करने को पहले ही से तैयार है।
इससे पहले सहारा समूह ने अपनी अपील में निवेशकों का धन लौटाने के मामले में न्यायाधिकरण से हस्तक्षेप का आग्रह किया था। समूह ने आरोप लगाया था कि सेबी इस मामले में उसके खिलाफ गलत तरीके से उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन न करने का आरोप लगा रहा है। न्यायाधिकरण ने हालांकि कहा था कि इस मामले में किसी तरह का और निर्देश उच्चतम न्यायालय की ओर से ही दिया जा सकता है। ऐसे में इस अपील को खारिज किया जाता है।
उच्चतम न्यायालय ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लि. और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लि. को तीन करोड़ निवेशकों का 24,000 करोड़ रुपया 15 फीसदी के सालाना ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने सेबी को निर्देश दिया था कि वह तीन करोड़ बॉन्डधारकों के धन की वापसी को इन कंपनियों से सुनिश्चित करवाएं। न्यायालय ने कंपनियों को इन निवेशकों से जुड़े दस्तावेज दस दिन के भीतर सेबी के पास जमा करने के साथ कहा कि उनकी राशि तीन महीने के भीतर वापस की जाए। (एजेंसी)