लखनऊ : रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की ओर से सहारा इंडिया रियल इस्टेट के विरुद्ध दायर लगभग आधा दर्जन मामलों में विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सहारा इंडिया की निदेशक वंदना भार्गव समेत पांच लोगों के विरुद्ध एक मार्च के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया है। अदालत के समक्ष सभी सात परिवाद रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की ओर से सहायक रजिस्ट्रार ने अधिवक्ता विनय कृष्ण पांडेय की तरफ से दायर किए गए हैं। श्री पांडेय ने कंपनीज एक्ट की धारा 56, 56, (3), 60बी, 62, 63, 67, 68 एवं 73 के अंतर्गत इस मामले को कोर्ट लेकर गए हैं।
परिवादों में रेड हियरिंग प्रासपेक्ट्स में सही सूचना न देना, मेमोरंडम के माध्यम से जनता को सूचना न देना, छल कपट द्वारा जुर्माना लगाना एवं स्टॉफ एक्सचेंज की अनुमति के बिना सूचीबद्ध करने समेत कई अन्य आरोप हैं। सभी परिवादों में निदेशक वंदना भार्गव, अशोक राय चौधरी एवं रविशंकर दुबे के अलावा गुफरान अहमद सिद्दीकी तथा गोविंद तिवारी को पक्षकार बनाया गया है। इस मामले में सुनवाई करते हुए इसी अदालत ने एक अन्य मामले में विपक्षी निदेशकों के विरुद्ध बिना जमानती वारंट जारी किया है।
जमानती वारंट जारी होने के बाद सहारा में हड़कम्प मचा हुआ है। सहारा समूह लगातार परेशानियों से घिरता जा रहा है। पहले सेबी ने उसके कई खातों को सीज किया। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की समय बढ़ाने की मांग खारिज कर दी, उसके बाद इस मामले से सहारा समूह की परेशानियां और बढ़ गई हैं।