लखनऊ। हजरतगंज स्थित अरिंदम चौधरी के आईआईपीएम इंस्टीट्यूट के छात्रों को मार्कशीट न देने के मामले में मंगलवार शाम को रिपोर्ट दर्ज हुई। छात्रों से पढ़ाई के नाम पर लाखों रुपये वसूलने वाले आईआईपीएम इनको मार्कशीट देने में आनाकानी कर रहा है। छात्रों ने इंस्टीट्यूट प्रशासन के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज करायी है। इससे पूर्व इंस्टीट्यूट प्रशासन व छात्रों के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही।
उल्लेखनीय है कि आईआईपीएम ने कई छात्र/छात्राओं से लाखों रुपये फीस के नाम पर वसूले गए है। छात्रों के हंगामा-प्रदर्शन किये जाने पर उन्हें सादे कागज पर अंक प्रिंट करके थमा दिया गया और इसे मार्कशीट बताया गया। इंस्टीट्यूट प्रशासन ने सोमवार को मार्कशीट लेने के लिए बुलाया था। सोमवार को मार्कशीट न मिलने पर छात्र/छात्राएं उग्र हो गये। छात्र/छात्राएं सड़क पर उतरे आये। नाराज छात्र सोमवार को प्रदर्शन करते हुए डीजीपी कार्यालय पहुंचे। यहां से उन्हें क्षेत्राधिकारी हजरतगंज दिनेश यादव के पास भेज दिया गया। क्षेत्राधिकारी श्री यादव ने मंगलवार को दोनों पक्षों को बुलाया था।
मंगलवार को इंस्टीट्यूट प्रशासन के लोगों व छात्रों के बीच बातचीत हुई। बातचीत बेनतीजा रही। हजरतगंज इंस्पेक्टर अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि छात्रों की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर आरोपों की जांच- पड़ताल की जा रही है। गौरतलब है कि अरिंदम चौधरी के आईआईपीएम को यूजीसी से मान्यता नहीं मिली है। यह संस्था काफी पहले से विवादों में रही हैं। एमपी में भी आईआईपीएम के फर्जीवाड़े के खिलाफ कोर्ट में कई मामले हैं। लंबे चौड़े सब्जबाग दिखाकर अरिंदम चौधरी छात्रों के साथ ठगी करता रहा है।