नई दिल्ली। सरकार ने प्रिंट मीडिया के लिए डीएवीपी की विज्ञापन दरों में 19 फीसदी की बढ़ोतरी की है। यह वृद्धि विज्ञापन की नई दरों को अंतिम रूप देने के लिए नियुक्त समिति की सिफारिशें आने तक प्रभावी रहेगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने बताया कि प्रिंट मीडिया के लिए नई विज्ञापन दरें तय करने के लिए हर तीन साल पर एक रेट स्ट्रक्चर समिति (आरएससी) का गठन किया जाता है।
पांचवीं आरएससी का गठन नवंबर 2004 में किया गया था। उसकी सिफारिशों पर 2005 में विज्ञापन का रेट कार्ड जारी किया गया। यह दरें 31 दिसंबर 2008 तक वैध थीं। छठी आरएससी का गठन 2008 में किया गया, लेकिन वह समय से अपनी सिफारिशें नहीं सौंप सकी थी। इस स्थिति में विज्ञापन दरों में अंतरिम वृद्धि के प्रस्ताव पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और वित्त मंत्रालय द्वारा विचार किया गया था।
मनीष तिवारी ने बताया कि छठी आरएससी की सिफारिशों पर 15 अक्तूबर 2010 से 14 अक्तूबर 2013 के लिए डीएवीपी की नई दरें निर्धारित की गई थीं। सातवीं आरएससी का गठन मई 2013 में किया गया है और वह जल्द ही अपनी सिफारिशें सौंप देगी, जिसके बाद नई दरें लागू की जाएंगी। फिलहाल डीएवीपी की रेट कार्ड की अंतिम समय सीमा 14 अक्तूबर 2013 तक ही थी। इस तिथि तक रिपोर्ट नहीं आने के बाद सरकार ने डीएवीपी में बढ़ोत्तरी का निर्णय लिया।