श्रीनगर : जम्मू के कठुआ और सांबा में आतंकियों ने दोहरा हमला कर पुलिसकर्मियों और सैनिकों समेत 12 लोगों की हत्या कर दी है। सूत्रों के मुताबिक मारे गए लोगों में सेना का एक लेफ्टिनेंट कर्नल भी शामिल है। इन हमलों में कई लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें सेना के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल हैं। सेना ने जवाबी कार्रवाई जारी रखी है। सेना की वर्दी पहनकर आए चार में से दो आतंकी भी मारे गए हैं।
एक अनजान-से आतंकवादी संगठन 'शुहादा ब्रिगेड' के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को फोन कर दावा किया कि इन दोनों हमलों के पीछे उन्हीं का हाथ है। हालांकि माना जा रहा है कि ऐसा दावा असली आतंकी संगठन की करतूत से ध्यान हटाने की चाल भी हो सकती है। पहला हमला कठुआ के हीरा नगर पुलिस स्टेशन पर हुआ, जहां आतंकियों का मुकाबला करते हुए कम से कम छह पुलिसवाले शहीद हो गए। आतंकी सेना की वर्दी में ऑटो से आए थे। आतंकियों ने पहले पुलिस स्टेशन के बाहर एसटीडी बूथ पर हमला किया, फिर आतंकी पुलिस स्टेशन में दाखिल में हुए। हमले को अंजाम देने के बाद आतंकी एक ट्रक पर कब्जा कर सांबा की ओर भागे, जहां आतंकियों ने सेना के कैंप पर हमला किया। वहां एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक जवान के मारे जाने की खबर है।
इन आतंकियों ने सीमापार से घुसपैठ की थी और इसके बाद इन्होंने पूरी तैयारी के साथ हमले को अंजाम दिया। गौरतलब है कि कठुआ और सांबा एलओसी से सटा इलाका है, जिसकी वजह से सीमा पार से आतंकी यहां घुस आते हैं। इससे पहले भी कई बार कठुआ में आतंकी हमले हुए हैं, वहीं सांबा में सेना का बड़ा कैंप है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मुस्तफा कमाल का कहना है कि यह हमला भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया को झटका देने के इरादे से किया गया है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इन आंतकवादी हमलों की निंदा करते हुए इसे शांति वार्ता पर हमला करार दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शांति के दुश्मनों द्वारा एक और हमला एवं बर्बर कार्रवाई है। पीएम ने कहा कि आतंकियों को हराने का हमारा इरादा पक्का है।